- उसना चावल के नाम पर उपभोक्ताों को दी जा रही चावल की खुद्दी, बिक्रेताओं की बल्ले-बल्ले
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले में जन वितरण के माध्यम से कम अनाज देने को ले कुछ दिन पहले नवादा विधायक द्वारा समाहरणालय पर अनशन किया गया था। तब जिलाधिकारी द्वारा जांच टीम की गठन की गई थी। जांच चल ही रही है। इस बीच जिले के गरीबों को खाने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली चावल जो जन वितरण के माध्यम से गरीबों को उपलब्ध कराया जा रहा है। निम्न स्तर के साथ साथ आधे से अधिक चावल में खुद्दी मिला होने का मामला प्रकाश में आया है।
जन वितरण दुकानदारों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के अधिकांश जन वितरण प्रणाली के दुकानों पर फरवरी एवं मार्च का खाद्यान एक साथ उपलब्ध कराई गई है। जो गरीबों के बीच वितरण किया जा रहा है। लेकिन चावल निम्न स्तर के होने के साथ-साथ खुद्दी की अधिकता के कारण चावल खाने लायक नहीं है। जिस कारण चावल ले रहे गरीब उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। वहीं चावल ले चुके गरीब उपभोक्ता अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। बता दें की इस बार गरीब उपभोक्ताओं को उसना चावल दिया जा रहा है।
खाने योग्य उसना चावल मिलने की जानकारी से उपभोक्ताओं में खुशी थी। लेकिन चावल में 50 से 60 फीसदी खुद्दी उक्त एवं निम्न स्तर का है जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। चावल उठाव कर चुके जन वितरण दुकानदार भी निम्न स्तर का चावल से परेशान हैं। पूछने पर जविप्र विक्रेता बताते हैं कि इसी प्रकार का चावल का उठाव हुआ है जिसे लेने से उपभोक्ता साफ मना कर रहे हैं। जिसकी जानकारी कुछ दुकानदारों द्वारा संबंधित अधिकारियों को दी गई है।
जिले के राइस मिलों में तैयार चावल भेज दिया जाता है बाहर:-
बता दें कि जिले के राइस मिलों से तैयार उसना चावल जो खाने योग्य होता है प्रखंडों व जिला में वितरण करने के बजाय बाहर भेज दिया जाता है। जिसमें लाखों रुपए का खर्च सरकारी खजाने से दिया जाता है। उसके बाद उससे अधिक रुपया खर्च कर बाहर से घटिया व निम्न स्तर का चावल मंगा कर गरीबों के बीच वितरित किया जाता है। जिसका विरोध माले व अन्य पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा भी पिछले कुछ दिन पहले की गई थी। लेकिन अधिकारियों और चावल व्यापारियों की मिलीभगत से क्षेत्र में हो रहे चावल के बजाय बाहर से घटिया चावल मंगा कर गरीबों के बीच वितरित कराई जा रही है।
अगर चावल निम्न स्तर का है तो वापस कराया जाएगा:-
आपूर्ति पदाधिकारी अतुल कुमार कहते हैं कि अगर खराब चावल दिया गया है तो उसे वापस करवाया जाएगा।एमओ के अनुसार दुकानों तक चावल पहुंचाना एजीएम एसएफ़सी का काम है। वारिसलीगंज के प्रभारी एजीएम कुंदन कुमार से पूछने पर कहा गया कि डीएम एसएफसी से चावल के निम्न होने की शिकायत की गई है। बाद में डीएम एसएफसी धर्मेंद्र कुमार ने बातचीत में कहा कि जहां जहां निम्न स्तर के चावल आपूर्ति की शिकायत मिल रही है। वहां चावल बदलने की व्यवस्था की गई है। ऐसे में डीलर के घर पहुंची चावल की वापसी होगी या नहीं बाद कि बात है। लेकिन जिन गरीब उपभोक्ताओं ने दो महीने का उसना चावल लिया है। वह ठगा सा महसूस कर रहे हैं। साथ ही सरकारी सिस्टम को दोषी मान रहे हैं।
दो के बजाय एक महीने के चावल का वितरण:-
पीडीएस बिक्रेता की बल्ले-बल्ले है। पाश के माध्यम से पहले अंगूठा लगवाने के बाद नहीं लगा कहकर लाभुकों से दोबारा अंगूठा लगवाने के बाद एक माह का राशन दें विदा कर एक महीने की चावल की कालाबाजारी की जा रही है। ऐसे में बिक्रेताओं की बल्ले-बल्ले है।