राजनीति की भेंट चढ़ गया नरहट में स्वच्छ भारत अभियान, लाखों का सामान फांक रहा धूल, अधिकारियों ने साध रखा है मौन

नवादा

नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले में राजनीति किस कदर हावी है इसकी बानगी देखनी हो तो नरहट पर नजर डालिए। यही कारण है कि विकास के मामले में प्रखंड आज भी फिसड्डी है। शहरों की तर्ज पर गांवों में भी डोर टू डोर कचरा उठाव करने की योजना थी। इसके लिए बड़े पैमाने पर राशि भी खर्च की गई लेकिन नरहट प्रखंड के दो पंचायतों में यह योजना भी कागजों की शोभा बढ़ा रही है। प्रखंड के नरहट व छोटा शेखपुरा पंचायत में कचरा उठाव के लिए बाल्टी सहित अन्य साजो सामान की खरीदारी हुई लेकिन सिस्टम की उदासीनता के चलते कचरा उठाने का सामान खुद कचरा बनता जा रहा है।

नरहट और शेखपुरा दोनों ही पंचायतों में डोर टू डोर कचरा उठाव के लिए खरीद कर लाई गई हजारों बाल्टियां, रिक्शा और बैटरी गाड़ियां धूल फांक रही है। शहरों के तर्ज पर गांवों में भी डोर टू डोर कचरा उठाव करने की योजना के तहत नरहट प्रखंड के दो पंचायत नरहट और शेखपुरा का चयन किया गया था।

दोनों ही जगह करीब 10- 10 लाख रुपए की लागत से बाल्टियां, रिक्शे और ई रिक्शा खरीदे गए, लेकिन पंचायतों में डोर टू डोर कचरा उठाने का काम अबतक शुरू नहीं हो पाया। विभागीय उदासीनता और पंचायत के भीतर राजनीतिक खींचतान के कारण कई माह से लाखों रुपये लागत मूल्य की साफ-सफाई करने के लिए लायी गयी सामग्रियां धूल फांक रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई का कार्य दम तोड़ता दिख रहा है।

शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं:-
नरहट पंचायत की मुखिया एहतेशाम कैसर उर्फ गुड्डू ने बताया कि कचरा डंपिंग के लिए स्पॉट नहीं बनने के कारण सारा साफ- सफाई का कार्य अधर में लटका है। उन्होंने बताया कि कचरा डंपिंग के लिए पहले चांदनी चौक से पश्चिम मोहन नगर में जमीन दिया गया, जहां निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ लेकिन वहां निर्माण कार्य को अवरूद्ध कर दिया गया। जबकि वह जगह अंचल प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराया गया था। इसके बाद अंचलाधिकारी ने नरहट पंचायत अन्तर्गत छठ घाट के पहले जमीन मुहैया कराया गया, वहां भी निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया, लेकिन वहां भी स्थानीय लोगों के प्रयास से कार्य अवरुद्ध करा दिया गया।

सूचना अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ ही मनरेगा के अधिकारीयों को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि गिला कचरा और सूखा कचरा के लिए करीब 1700 बाल्टी, 16 रिक्शा, एक ई रिक्शा, 32 से अधिक ड्रेस खरीदा गया है। डंपिंग प्वाइंट बनाया । पिलर बनाया गया लेकिन उखाड़ दिया गया। अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुल मिलाकर 10 लाख का सामान खरीदा जा चुका है।

डंपिंग प्वाइंट तैयार नहीं होने से विफल हो रही योजना:-
बताया जाता है कि कचरा डंप करने या कचरा निस्तारण के लिए डंपिंग स्पॉट और प्रोसेसिंग प्लांट तैयार नहीं रहने के चलते कचरा उठाव शुरू नहीं हो पाया है। ऐसा तब है जब सरकार के द्वारा कचरा उठाव और डंपिंग प्वाइंट बनाने का निर्देश काफी पहले दिया गया है और इसके लिए भारी-भरकम राशि भी उपलब्ध कराई गई है । आदेश के बावजूद ऐसा नहीं हो पा रहा है। नरहट पंचायत में कचरा डंपिंग प्वाइंट बनाने का काम शुरू हुआ तो अज्ञात तत्वों ने पिलर को ही क्षतिग्रस्त कर दिया और निर्माण रुक गया। कमोवेश छोटा शेखपुरा का भी वही हाल है और अब तक डंपिंग प्वांइंट नहीं बनने से खरीदी गई सामग्री धूल फांक रही है । बावजूद अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा पा रहा है।