नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली के स्कूलों में मनमानी इतनी चरम पर है कि कब खुल रहे और कब बंद हो रहे हैं पता नहीं चल रहा। अव्यवस्था की पोल तब खुली जब प्रखंड विकास पदाधिकारी ने तीन विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। 3 विद्यालयों के औचक निरीक्षण में 2 विद्यालय बंद मिले। विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापक को और शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बीडीओ द्वारा प्रखण्ड मुख्यालय के सुदूरवर्ती सवैयाटांड़ पंचायत के विद्यालयों,आंगनबाड़ी केंद्रों समेत जनकल्याणकारी योजनाओं की जांच किया जाना था।
इसी क्रम में रास्ते में पड़ने वाले रजौली पूर्वी पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय दत्तीटिलहा के बाहर छात्र-छात्राएं खेलते कूदते नजर आए।इस दृश्य को देखकर बीडीओ हैरान हो गए।
बीडीओ सुबह के 7:21 बजे विद्यालय में प्रवेश किये तो विद्यालय में एकमात्र शिक्षक विद्यालय परिसर में उपस्थित मिले।विद्यालय प्रभारी सत्येंद्र कुमार बीते दो दिनों से बिना कारण बताए अनुपस्थित पाए गए।साथ ही सहायक शिक्षिका वीणा देवी व कमला देवी भी अनुपस्थित पाई गई।
प्राथमिक विद्यालय चपहेल से भी शिक्षक नदारद:-
सवैयाटांड़ जाने के क्रम में सुबह लगभग 7:42 बजे धमनी पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय चपहेल में प्रभारी प्रधानाध्यापक सुजीत कुमार,सहायक शिक्षिकाएं पिंकी भारती,रीना कुमारी व सुषमा कुमारी विद्यालय से नदारद थे। विद्यालय परिसर में कुछ बच्चे अपने कॉपी व किताब के साथ खेलते नजर आए।बीडीओ ने बच्चों से पठन-पाठन के विषय मे आवश्यक जानकारियां ली। मध्य विद्यालय कुम्हरुआ के औचक निरीक्षण के दौरान सभी शिक्षक व शिक्षिकाएं पठन-पाठन कार्य करते दिखे।
बैठक में लग चुका है अनियमितता का आरोप:-
कुछ दिनों पूर्व स्थानीय प्रमुख सरोज देवी द्वारा प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी दिगम्बर ठाकुर पर शिक्षक व शिक्षिकाओं से पैसे लेकर विद्यालय को बन्द रखने का आरोप लगाकर वरीय पदाधिकारियों से पत्राचार किया था।किन्तु अबतक अनियमितता बरतने वाले पदाधिकारी व शिक्षकों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।जिसके कारण प्रखण्ड मुख्यालय के सुदूरवर्ती पंचायतों के विद्यालयों में धड़ल्ले से अनियमितता जारी है।
कागजों पर हो रहा है विद्यालय का संचालन:-
बताते चलें कि प्रखण्ड मुख्यालय के सुदूरवर्ती पंचायतों के अधिकांश विद्यालय सिर्फ कागजातों पर ही चल रहे हैं।विद्यालयों में सिर्फ कागजों में बच्चों के नामांकन होता है,उपस्थिति पंजी में शिक्षकों व बच्चों का फर्जी हाजिरी बनता है. नामांकन के आधार पर एमडीएम का बिल बनता है व पठन-पाठन के तहत अन्य कार्य सम्पन्न किये जाते हैं। यानि देखा जाय तो प्रखंड में सभी विद्यालयों की स्थिति काफी चिंताजनक है।
आंगनबाड़ी बंद मिला:-
धमनी पंचायत के डुमरकोल गांव में समेकित बाल विकास परियोजना के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 74 बन्द पाया गया।बीडीओ ने कहा कि तीन विद्यालयों के निरीक्षण में दो विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों द्वारा घोर अनियमितता पाई गई है।जिसको लेकर अनुपस्थित पाए गए प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को स्पष्टीकरण किया गया है।वहीं आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 74 में व्याप्त अनियमितता को लेकर सीडीपीओ रजौली को पत्राचार किया गया है।
कार्रवाई के बाद भी नहीं रुक रही मनमानी:-
बता दें कि रजौली में विद्यालयों का बंद मिलना कोई नई बात नहीं है। प्रखण्ड क्षेत्र में सरकारी विद्यालयों की स्थिति काफी दयनीय है।विद्यालयों की बदहाल स्थिति के कारण नौनिहालों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बीडीओ अनिल मिस्त्री द्वारा लगातार विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान कई विद्यालय बन्द तो विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षिकाएं ही नदारद मिल रहे हैं।