पटना, बीपी प्रतिनिधि। डिप्टी सीएम के तौर पर अभी अभी अपनी पारी शुरू करने वाले तेजस्वी यादव के सामने अब चुनौती आ गई है। अपनी पुरानी मांगों को लेकर प्रदेश के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। पटना के पीएमसीएच समेत तमाम अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।
जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर गए हैं। स्वास्थ्य महकमे की भी जिम्मेदारी संभाल रहे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के लिए यह हड़ताल सबसे पहली चुनौती बनकर सामने आई है।
जूनियर डॉक्टर्स को सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। पीएमसीएच समेत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर ही प्राथमिक रूप से इलाज की कमान संभालते रहे हैं। इनके हड़ताल पर चले जाने से ओपीडी सेवा पर भी असर पड़ रहा है। डॉक्टरों की हड़ताल का सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब मरीज भुगत रहे हैं।
जूनियर डॉक्टर्स पहले भी मानदेय बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे। इन्हीं मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने सोमवार से कामकाज बंद करने का फैसला किया है। हालांकि आपातकालीन यानी इमरजेंसी सेवा को इससे दूर रखा गया है।
इस हड़ताल से बिहार के 9 मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पांच सूत्री मांगों को लेकर पिछले साल भी हड़ताल की थी, तब कोविड और बाकी चीजों का हवाला देते हुए सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स को इस आश्वासन के साथ मना लिया था कि उनके मानदेय में इजाफे पर विचार किया जाएगा लेकिन अब जबकि ऐसा नहीं हुआ है।