स्टेट डेस्क/पटना। शराब पीते हुए पकड़े जाने पर अब जेल नहीं जाना होगा। बशर्ते, शराब पीने वाला व्यक्ति शराब मिलने के सोर्स की पहचान उजागर कर दे। निशानदेही पर पुलिस और उत्पाद विभाग की कार्रवाई में अगर शराब बेचने वाले की गिरफ्तारी या शराब बरामदगी हो जाती है तो पीने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। यह जानकारी उत्पाद आयुक्त बी. कार्तिकेय धनजी ने दी। अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इसको लेकर सभी जिलों के उत्पाद अधिकारियों को निर्देश दिया है।
सूत्रों के मुताबिक मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इसको लेकर संशोधन प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। हालांकि नए संशोधन में शराब पीने के अपराध में पकड़े गए अभियुक्तों को थोड़ी राहत मिल सकती है। वहीं शराब पीने के जुर्म में जेल भेजने के बजाए मजिस्ट्रेट के समक्ष तय जुर्माना भरकर छोड़े जाने का प्रविधान किया जा सकता है। ऐसे में शख्स को जुर्माना न भरने की स्थिति में ही जेल भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि जुर्माना नहीं भरने की हालत में ही अभियुक्तों को जेल भेजा जाएगा। हालांकि नए नियम के मुताबिक शराब बनाने और बेचने वालों पर पहले की तरह ही सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। इस संशोधन प्रस्ताव पर फिलहाल मद्य निषेध विभाग के मंत्री से लेकर अधिकारी तक कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।
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लेकिन, इस बात की चर्चा है कि बिहार विधानमंडल के आगामी बजट सत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव सरकार सदन में ला सकती है। नई व्यवस्था का उद्देश्य कोर्ट का दबाव कम करने के लिए और लंबित पड़े मामलों के अलावा बड़े शराब माफियाओं और तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलवाना है।