पहले टारगेट पर नूपुर शर्मा और उनके समर्थक थे, पूछताछ में हुए कई खुलासे

पटना बिहार

पटना, बीपी प्रतिनिधि। पटना के फुलवारीशरीफ इलाके से आतंकियों की पाठशाला संचालित की जा रही थी, जिसके बाद अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं. अब इनके खिलाफ जो FIR दर्ज की गयी है, उससे कई खुलासे हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार आगमन से पूर्व न सिर्फ पटना को दहलाने की मंशा उजागर हुई है, बल्कि इनका पहले टारगेट नूपुर शर्मा और उनके समर्थक थे. ये लोग इस्‍लाम विरोधियों से बदला लेना के मंशूबे से ये खेल रच रहे थे. खुलासे के बाद पुलिस ने जांच तेज़ कर दी है.

पटना पुलिस ने सबसे पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दो सदस्यों को दबोचा गया था, जिनकी पहचान मोहम्‍मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के रूप में हुई. पटना पुलिस की माने तो अतहर परवेज के गुलिस्तान स्थित घर से पुलिस को ‘इंडिया 2047 टूवार्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया, इनटर्नल डॉक्यूमेंट ; नॉट फॉर सर्कुलेशन’ नामक दस्तावेज हासिल हुआ है. इसके पेज नंबर तीन व सात पर लिखी गयी लाइन पीएफआइ के लक्ष्य व उद्देश्य को उजागर करती है.
इसमें कहा गया है- ‘पीएफआइ इस बात को लेकर आश्वस्त है कि यदि मुस्लिम आबादी का दस फीसदी हिस्सा भी उसके पीछे आ गया तो इस समुदाय का अधिकतर हिस्सा उसके प्रभाव में आ जायेगा और भारत में इस्लाम का गौरव लौट आयेगा.’ बरामद दस्तावेज में देश की अखंडता को भंग करने के लिए अन्य देश से मदद लेने की बात भी कही गयी है. यह भी जानकारी दी गयी है कि हाल के दिनों में पीएफआइ ने तुर्की के संगठनों से संबंध को विकसित किया है.

इसी तर्ज पर अन्य इस्लामिक देशों से भी आपसी संबंध बनाना है. संगठन से कई वैसे भी लोगों को जोड़ा गया है, जो सिमी से पूर्व में जुड़े रहे हैं. सिमी के प्रतिबंधित होने के बाद ये लोग भूमिगत हो गये थे. देश के साथ ही विदेशों से भी इन्हें फंडिंग मिलती थी. कुछ ऐसे कागजात भी पुलिस को हाथ लगे हैं, जिसमें नुपुर शर्मा के बयान के बाद महाराष्ट्र के अमरावती व राजस्थान के उदयपुर हुए दो लोगों की हत्या की घटना का समर्थन किया गया है और यह बताया गया है कि इन जगहों पर बदला ले लिया गया है. पुलिस के मुताबिक, कुछ अज्ञात लोग पिछले दो माह से समय-समय पर अहमद पैलेस में मीटिंग कर रहे थे तथा यहां अजनबी लोगों का आना-जाना लगा रहता है. छह-सात जुलाई को भी एक मीटिंग हुई थी,

जिसमें कई संदिग्ध लोग आये थे. 11 जुलाई की शाम करीब 07:30 बजे पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि फुलवारीशरीफ थाना अंतर्गत कुछ संदिग्ध व्यक्ति प्रधानमंत्री के पटना भ्रमण के दौरान गड़बड़ी करने हेतु जुटे हुए हैं तथा इनको पिछले एक पखवारे से इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है. नया टोला के अहमद पैलेस के आसपास के रहने वाले कई स्थानीय निवासियों ने बताया कि काफी दिनों से यहां गतिविधियां कुछ अलग तरह की लग रही थी. फुलवारी शरीफ थाना में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के पहले देश की इंटेलिजेंस एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर एडिशनल एसपी मनीष कुमार सिन्हा एवं थाना अध्यक्ष इकरार अहमद बेउर जानीपुर नौबतपुर थानाध्यक्ष के साथ नया टोला के अहमद पैलेस में छापेमारी की.

अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को पकड़ा
छापेमारी के दौरान पुलिस ने अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को पकड़ा. पुलिस टीम को लेकर अतहर परवेज गुलिस्तान मोहल्ला रईस कॉलोनी में अपने मकान में गया, जहां से बड़ी संख्या में देश का झंडा, पंपलेट, बुकलेट एवं अन्य आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की गयीं. अहमद पैलेस के कमरों में बेड के गद्दों के नीचे भी ऐसी ही सामग्रियां बरामद की गयी हैं. अहमद पैलेस एवं अतहर के घर से हिन्दी में लिखा 25 पर्चा एवं उर्दू में लिखा 30 पर्चा मिला. चौकी के नीचे से एक सफेद रंग के प्लास्टिक के झोला में 49 कपड़े का झंडा- लाल, हरा एवं सफेद तथा झंडे पर नीला तारा बना हुआ मिला. एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि सेवानिवृत दरोगा की संपति की जांच भी की जायेगी.वहीं पुलिस की पूछताछ में अतहर ने स्वीकार किया है कि सिमी के पुराने सदस्य जेल में थे.

उनको कानूनी मदद करता रहा हूं तथा वर्तमान में मैं एसडीपीआइ का पटना जिला महासचिव के पद पर हूं. पीएफआइ के कहने पर मैं सीमी के पूर्व सदस्यों को इस पार्टी से जोड़कर एक गुप्त संगठन तैयार कर रहा हूं.पुलिस अरमान मलिक को गिरफ्तार कर गुप्त स्थान पर लेकर चली गयी. पुलिस की एक टीम दरियापुर में छापेमारी कर रही थी. यहां उसकी तलाश शमीम अख्तर की थी. यहां शमीम अख्तर नहीं मिला, तो पुलिस टीम मकान मालिक शब्बीर मलिक को साथ लेकर थाना चली आयी. पुलिस ने फुलवारी शरीफ मुनीर कॉलोनी से मरगूब दानिश को गिरफ्तार किया. अरमान प्रशिक्षक था वहीं मरगूब दानिश पीएफआइ का सक्रिय सदस्य है.