मुजफ्फरपुर, बिफोर प्रिंट। भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने आज मुजफ्फरपुर जिला कमिटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा है कि बिहार में गैरभाजपा सरकार का बनना बुलडोजर राज तथा नफरत व उन्माद की राजनीति पर करारी चोट है। हमारी पार्टी मंत्रिमंडल से बाहर रहते हुए भी सरकार को हर प्रकार से सहयोग करेगी। पार्टी ने जनता के हित में ही सर्किल को बाहर से समर्थन देने का निर्णय किया है। उन्होने कहा है कि संविधान व लोकतंत्र पर हो रहे हमले के खिलाफ आंदोलनरत ताकतों को बिहार में हुए बदलाव ने राहत दी है। इससे पूरे देश में लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को काफी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुछ सुझाव भी दिए गये हैं, जिसमें एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने और उसके क्रियान्वयन हेतु महागठबंधन के दलों के बीच एक समन्वय समिति गठित करने का सुझाव प्रमुख है। पार्टी जिला कार्यालय में आयोजित बैठक में राज्य सचिव कुणाल और पार्टी की केन्द्रीय कमिटी सदस्य व ऐपवा महासचिव मीना तिवारी भी शामिल थीं।
माले राज्य सचिव ने बैठक को संबोधित करते हुए आगे कहा कि एक ऐसे दौर में जब भाजपा द्वारा पूरे देश में हिंसा-विभाजन-नफरत-झूठ-सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा देने, देश में एकदलीय शासन व्यवस्था थोप देने, अघोषित आपातकाल, यूपी, गुजरात की तर्ज पर बिहार में भी बुलडोजर राज को स्थापित कर देने की एक सुनियोजित मुहिम चलाई जा रही थी। बिहार की सत्ता से उसकी बेदखली न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए एक जरूरी व बेहद सकारात्मक घटना है। इसने संविधान व लोकतंत्र पर भाजपा द्वारा लगातार किए जा रहे हमले के खिलाफ संघर्षशील ताकतों के लिए एक नई उम्मीद पैदा की है। निश्चित तौर पर यह बदलाव पूरे देश की राजनीति को एक नई दिशा दे सकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार को उम्मीद है कि यह सरकार भाजपा द्वारा बिहार को भी उन्माद-उत्पात की प्रयोगशाला बनाने की साजिशों व कार्रवाइयों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु आवश्यक प्रशासनिक व विधायी कदम उठाएगी। ऐसे संगठनों व व्यक्तियों की शिनाख्त कर उसके प्रति कड़ा रवैया अपनाएगी ताकि राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल बना रहे। भाजपा ने सत्ता का दुरूपयोग करते हुए सरकारी संस्थानों के भगवाकरण की कोशिशें की है।ऐसे सभी कदमों को वापस लेने की जरूरत है ताकि राज्य में संवैधानिक मूल्य बरकार रहे तथा साझी संस्कृति-साझी विरासत की हमारी परंपरा मजबूती से आगे बढ़ती रहे।
माले महिला नेत्री मीना तिवारी ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान चाहे स्मार्ट सिटी के नाम पर हो अथवा जल-जीवन हरियाली सरीखी सरकारी योजनाओं के नाम पर, भारी पैमाने पर जमीन से गरीबों की बेदखली हुई है। बरसो- बरस से बसे आम लोगों के घर तोड़ दिए गए। ऐसी कार्रवाइयों पर नई सरकार को तत्काल रोक लगानी चाहिए। हम चाहते हैं कि जो लोग जहां बसे हैं उसका मुकम्मल सर्वे करके एक समय सीमा के भीतर तदनुकूल नया वास-आवास कानून बनाने की दिशा में सरकार पहलकदमी ले, ताकि सभी गरीबों के लिए आवास की गारंटी हो सके। नई सरकार को इस बात की भी गारंटी करनी चाहिए कि स्मार्ट सिटी के नाम पर बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए एक भी परिवार का घर न तोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि नई सरकार से उम्मीद है कि राज्य में तमाम रिक्त पदों पर अविलंब स्थायी बहाली की दिशा में वह त्वरित कदम उठाएगी। टीईटी और एसटीइटी उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थियों की तत्काल नियुक्ति के साथ 19 लाख नौजवानों को रोजगार देने के वादे को पूरा करना सरकार के कार्यभार की प्राथमिकताओं में शामिल होना चाहिए। ऐपवा महासचिव ने आगे कहा कि एक समय शराब से पूरा बिहार परेशान था, लेकिन शराबबंदी कानून उस समस्या को हल नहीं कर सका। शराब तो बंद नहीं हुआ, लेकिन जहरीली शराब से अब तक सैंकड़ों की जान जा चुकी है। इस कानून के तहत जेलों में बड़ी संख्या में आम गरीबों को बंद कर दिया गया है। हमारी समझ रही है कि जब तक शराब माफियाओं पर कार्रवाई नहीं होगी, हमें सिर्फ निराशा ही हाथ लगेगी। जेल में बन्द गरीबों को तत्काल रिहा कर उनके पुनर्वास किए जाने की जरूरत है। आगे उन्होंने कहा कि बिहार में कार्यरत आशा-फैसिलिटेटर, रसोईया, आंगनबाड़ी कर्मियों और तमाम स्कीम वर्करों को जीने लायक सम्मानजनक मासिक वेतन की गारंटी की जानी चाहिए। गैरभाजपा शासित कई राज्यों में 300 युनिट फ्री में बिजली मिल रही है। हमारे यहां लोग भारी बिजली बिल से परेशान हैं। महंगाई के इस दौर में गरीबों को राहत देने के लिए सभी जरूतमंदों को 200 युनिट फ्री में बिजली की व्यवस्था की जानी चाहिए। खाने-पीने के सामानों पर लगाए गए जीएसटी को भी खत्म किया जाना चाहिए।
माले की बैठक में 10वें मुजफ्फरपुर जिला सम्मेलन तैयारी की अंतिम रूपरेखा तैयार की गई। सम्मेलन 20-21 अगस्त को गायघाट में आयोजित है जिसमें सभी क्षेत्रों से चुने गये 200से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे जिसमें महिला व छात्र-नौजवान प्रतिनिधियों की भी अच्छी भागीदारी होगी। बैठक में जिला सचिव कृष्णमोहन, गायघाट प्रखंड सचिव जितेंद्र यादव, नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, बोचहां सचिव रामबालक सहनी, मुशहरी सचिव शत्रुघ्न सहनी, बंदरा प्रखंड सचिव रामबली मेहता, औराई-कटरा प्रभारी मनोज यादव, इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष आफताब आलम, खेत मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष रामनंदन पासवान, किसान नेता बिन्देश्वर साह, इंसाफ मंच के प्रवक्ता असलम रहमानी व जिला अध्यक्ष फहद जमां, ऐपवा जिला अध्यक्ष शारदा देवी सहित होरिल राय, विमलेश मिश्र, परशुराम पाठक, राजेश रंजन, वीरेंद्र पासवान, संजय दास, विवेक कुमार शामिल थे।