स्टेट डेस्क/पटना। राजधानी पटना की सिविल सर्जन के वैक्सीन के पांच डोज लेने की खबर है। हालांकि उन्होंने प्रिकाशनरी समेत तीन डोज लेने का दावा किया है। सूत्रों के मुताबिक पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा सिंह ने टीकाकरण के लिए बनाए गए ऑनलाइन प्लेटफार्म कोविन पर सबसे पहले पैन कार्ड के माध्यम से पंजीकरण किया।
इसके बाद उन्होंने पिछले साल छह जनवरी को कोविशील्ड की पहली डोज ली। इसके बाद उन्होंने पिछले साल ही 17 जून को कोविशील्ड की दूसरी डोज ली। इसके लिए उन्हें टीकाकरण प्रमाण पत्र भी जारी किया गया। लेकिन, उन्होंने पहले और दूसरे कोरोना टीके के अंतराल में ही अपने आधार कार्ड की सहायता से फिर से टीकाकरण के लिए पंजीकरण कर दिया।
इसके बाद उन्हें छह फ़रवरी 2021 को फिर से कोविशील्ड की डोज दी गई और इसके बाद उन्होंने 12 मार्च को एक बार फिर से कोविशील्ड की डोज लगवाई। सिविल सर्जन ने इसी पंजीकरण के माध्यम से इस साल 13 जनवरी को प्रिकॉशन डोज भी लिया। टीकों की इन खुराक के लिए उन्हें एक और प्रमाणपत्र जारी किया गया। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों प्रमाणपत्र में टीकाकरण स्थल का नाम एक ही था। प्रमाण पत्र में पटना का गर्दनीबाग हॉस्पिटल ही टीकाकरण स्थल के रूप में दर्ज है।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने कहा कि कोरोना टीकाकरण की बाबत भारत सरकार के दिशा निर्देशों का न केवल मुझे पूरा ज्ञान है बल्कि उनका अनुपालन सुनिश्चित कराने की भी जिम्मेदारी है। ऐसे में मैं खुद कैसे पांच डोज ले सकती हूं। मैं एक डाक्टर हूं क्या प्रदेश या देश में किसी डाक्टर ने अब तक निर्धारित डोज ली है, मैं अनोखा काम जो नुकसानदायक हो सकता है, कैसे ले सकती हूं।
मैंने अपने संज्ञान में अबतक सिर्फ तीन डोज ली हैं, जिसमें एक हाल में प्रिकाशनरी डोज ली है, वह भी मैसेज के बाद। मेरे पैन कार्ड का दुरुपयोग किसने किया है, इसकी जांच की जा रही है। साथ ही दूसरे के टीकाकरण का विवरण देखने का अधिकार सिर्फ तीन अधिकारियों को हैं, उनसे भी पूछा जा रहा है कि ऐसा हुआ तो पूर्व में इसकी जांच कर उसमें सुधार क्यों नहीं किया गया।
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स्वास्थ्य विभाग के निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना टीकाकरण को लेकर भारत सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी और अधिकारी इस तरह का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।