स्टेट डेस्क/पटना: 2 मार्च को पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाले ‘बदलो बिहार महाजुटान’ के लिए राज्य में चल रहे जनांदोलनों के विभिन्न मुद्दों का चार्टर तैयार किया जा रहा है। माले के राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि बिहार में एनडीए सरकार के 20 वर्षों के शासन में हुए विश्वासघात और अन्याय के खिलाफ बदलाव की आवाज आज पूरे राज्य में गूंज रही है।

पिछले 8 महीनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में जनांदोलनों की ताकतों को एकजुट करने की कोशिशें निरंतर जारी हैं। विशेष रूप से ‘हक दो-वादा निभाओ’ अभियान के तहत, गरीब परिवारों को एकमुश्त 2 लाख रुपये देने, भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल जमीन देने और हर व्यक्ति के लिए पक्के मकान की मांग को लेकर ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
इन आंदोलनों में आम नागरिकों के अलावा, स्कीम वर्कर्स, मजदूर-किसान, छात्र-युवक, आदिवासी और अन्य आंदोलनकारी समूहों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। राज्य के कई हिस्सों में ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ का आयोजन किया गया, जिसने लोगों के बीच बदलाव की एक ठोस आकांक्षा को जन्म दिया।
जनवरी में आयोजित ‘बदलो बिहार प्रमंडलीय समागम’ में भी यह बदलाव की आकांक्षा सामने आई थी। इन समागमों और आंदोलनों के दौरान उठाए गए विभिन्न मुद्दों को लेकर एक व्यापक चार्टर तैयार किया जा रहा है। इस चार्टर में सभी जनांदोलनों के प्रमुख मुद्दों को शामिल किया जाएगा। कुणाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि 2 मार्च को पटना के गांधी मैदान में यह महाजुटान इस बात का प्रतीक बने कि सभी आंदोलनकारी ताकतें एक मंच पर एकजुट हैं और बदलाव के लिए संघर्षरत हैं।
महाजुटान की तैयारियों को लेकर ग्रामीण इलाकों में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इन बैठकों में किसानों, मजदूरों, छात्र-युवाओं और अन्य वर्गों के लोग बढ़-चढ़ कर शामिल हो रहे हैं। इसके साथ ही महाजुटान के प्रचार के लिए पर्चे, फोल्डर और पोस्टरों का बड़े पैमाने पर वितरण किया गया है। अब तक जनता के विभिन्न तबकों की सक्रिय भागीदारी इस महाजुटान की सफलता की ओर इशारा कर रही है।
कुल मिलाकर, महाजुटान की तैयारियाँ तेजी से चल रही हैं, और यह उम्मीद की जा रही है कि 2 मार्च को गांधी मैदान में आयोजित इस महाजुटान में राज्यभर के जनांदोलनों का विशाल जुटान होगा, जो बिहार में बदलाव की एक नई शुरुआत का प्रतीक बनेगा।