विक्रांत। यह MoU EDF के वैश्विक अनुभव और BAU के स्थानीय अनुसंधान को मिलाकर जलवायु-समझौता कृषि तरह की पहल बिहार के किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और टिकाऊ खेती के प्रति प्रोत्साहित करने में मदद करेगी। डॉ डी आर सिंह कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय
एनवायरनमेंटल डिफेंस फंड (EDF), इंक., USA और बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU), सबौर ने बिहार में कृषि में नाइट्रोजन प्रबंधन को सुधारने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी नाइट्रोजन के उपयोग को कुशल बनाने के लिए एक नाइट्रोजन संकलन तैयार करने, वैज्ञानिक सलाह के आधार पर खेतों में परीक्षण करने और BAU में स्थित कृषि तकनीकी स्टार्टअप्स को समर्थन देने के उद्देश्य से की गई है।
EDF के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व निखिल गोवास, लीड एडवाइज़र, और अजीत सिंह तथा अमरेश चौधरी द्वारा किया गया। BAU के नेतृत्व का प्रतिनिधित्व डॉ. अनिल कुमार सिंह, निदेशक अनुसंधान, डॉ. सैलाबला देई, उपनिदेशक अनुसंधान, और डॉ. आदित्य सिन्हा, सहायक प्रोफेसर द्वारा किया गया। यह सहयोग फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने, टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने और बिहार के कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखता है।
वैश्विक विशेषज्ञता और स्थानीय अनुसंधान को मिलाकर यह साझेदारी जलवायु-समझौता कृषि को बढ़ावा देने और बिहार के कृषि परिदृश्य को दीर्घकालिक स्थिरता के लिए रूपांतरित करने की दिशा में काम करेगी। एनवायरनमेंटल डिफेंस फंड (EDF) और बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU), सबौर के बीच हुए इस समझौते को बिहार की कृषि में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है। नाइट्रोजन और जल प्रबंधन में सुधार लाने की यह साझेदारी न केवल पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देगी बल्कि फसल उत्पादकता को भी कुशलतापूर्वक बढ़ाएगी।
इस पहल के मुख्य उद्देश्य हैं:
- नाइट्रोजन संकलन तैयार करना: नाइट्रोजन उपयोग की दक्षता को बढ़ाने और अपव्यय को कम करने के लिए।
- खेत स्तर पर परीक्षण: वैज्ञानिक डेटा और सिफारिशों पर आधारित कृषि पद्धतियों को लागू करना।
- स्टार्टअप समर्थन: कृषि तकनीकी स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना और नवाचार को बढ़ावा देना।
प्रमुख लाभ:
• फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार।
• पर्यावरणीय क्षति को कम करना।
• जल और उर्वरक के कुशल उपयोग को बढ़ावा।
• स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा।
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डॉ. ए.के. सिंह जैसे अनुभवी अनुसंधानकर्ताओं और EDF के विशेषज्ञों के सहयोग से यह परियोजना बिहार की कृषि के लिए एक नई दिशा प्रदान कर सकती है। यह MoU EDF के वैश्विक अनुभव और BAU के स्थानीय अनुसंधान को मिलाकर जलवायु-समझौता कृषि (Climate-Smart Agriculture) के विकास में सहायक होगा।