पटना, बीपी प्रतिनिधि। बिहार में कैबिनेट विस्तार के बाद सीएम नीतीश कुमार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा होते ही मंत्रिमंडल में शामिल कई नए मंत्रियों पर गंभीर आरोप के बाद विवाद खड़ा होता जा रहा है. बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिक कुमार के अलावा नीतीश कैबिनेट में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भी आरोपों में घिर गए हैं.
विभागों के बंटवारे के बाद जैसे ही सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया, तुरंत ही इनसे जुड़े विवादों का पुलिंदा भी खुल गया. आरोप लग रहे हैं कि चावल घोटाले के आरोपी को ही कृषि मंत्री का ओहदा दे दिया गया है.आरजेडी विधायक और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह पर आरोप है कि ये भी उन लोगों में शामिल हैं, जिनपर एसएफसी के करोड़ों रुपए के चावल गबन का आरोप है.
जिसको लेकर साल 2013 में रामगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. आरोप है कि सुधाकर सिंह ने भी 69 लाख रुपए का चावल SFC में जमा नहीं करवाया था, जिसमें 10 लाख 50 हजार की रिकवरी विभाग की तरफ से कर ली गई, लेकिन बाकी बचे रुपयों के लिए कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
चावल गबन मामले में कितने आरोपी?
चावल गबन के मामले में सुधाकर सिंह के अलावा 68 और आरोपी हैं, जिन्हें बकाया पैसे जमा करने हैं. वहीं, इस मामले में अब तक कई आरोपियों ने बकाया पैसा नहीं लौटाया है, जिनमें एक मौजूदा कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का भी नाम है.
बता दें कि आरजेडी के कोटे से सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया है. सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाना इसलिए भी अजीब है, क्योंकि उनपर चावल घोटाले में केस करने वाली नीतीश कुमार की ही सरकार थी. ऐसे में सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री बनने के बाद नीतीश सरकार पर सवाल किए जा रहे हैं.