स्टेट डेस्क/पटना: तीन दिवसीय साहित्य उत्सव आज से पटना में शुरू हुआ! बिहार म्यूजियम में अहद-अनहद की ओर से हो रहे इस आयोजन में यों तो कई नामी-गिरामी लोग आ रहे हैं। लेकिन चर्चा में है भाजपा सांसद वरुण गांधी की आमद! बताया जा रहा है कि साहित्य उत्सव में वरुण अपनी किताब The Indian Metropolis और A Rural Manifesto: Realizing Indian Future Through Her Villages पर बात करेंगे। लेकिन वरुण की चर्चा एक दूसरे आयोजन में उनकी भागीदारी को लेकर हो रही है। वसुधैव कुटुम्बकम परिषद नामक एक संस्था 19 मार्च को पटना में एक बौद्धिक संगोष्ठी आयोजित कर रहा है जिसमें भाजपा सांसद वरुण गांधी मुख्य वक्ता होंगे!
वरुण गांधी वसुधैव कुटुम्बकम परिषद के मंच से किस विषय पर चर्चा करेंगे, इसका खुलासा आयोजकों की ओर से जारी प्रेस बयान में किया गया है! बयान में कहा गया है, “आज समाजवादी राजनीति के नाम पर समाज में परस्पर जाति-धर्म विरोध का वातावरण बनाकर वोट की राजनीति को अपने हित में साधने के लिए मनुस्मृति, रामचरितमानस जैसे धर्मग्रंथों का विरोध होने लगा है। ऐसे लोग व्यक्तिधर्म, समाजधर्म और देशधर्म विरोधी बनकर देश के भविष्य के लिए संकट बनते जा रहे हैं।” इससे जाहिर हो रहा है कि मनुस्मृति और रामचरितमानस को धर्म ग्रंथ के तौर पर पेश करने वाले आयोजक ‘बौद्धिक संगोष्ठी’ के बहाने इन दोनों ग्रंथों का विरोध करने वालों को जवाब देंगे।
जातिवादी भेदभाव और घृणा पर आधारित ब्राह्मणवादी व्यवस्था का स्रोत माने जाने वाले रामचरितमानस और मनुस्मृति की आलोचना ऐतिहासिक रूप से होती रही है। रामासामी नायकर , आंबेडकर और ललई सिंह यादव जैसे विचारकों ने इन दोनों ग्रंथों को जाति आधारित भेदभाव, नफरत और घृणा का स्रोत मानकर उसकी वैचारिकी के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी। आंबेडकर ने तो मनुस्मृति दहन के कार्यक्रम भी आयोजित किया थे। फिलहाल रामचरितमानस और मनुस्मृति बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान को लेकर फिर से चर्चा में है!
लेखिका और पत्रकार निवेदिता झा ने वरुण गांधी के पटना दौरे को लेकर सवाल उठाया है। निवेदिता ने पूछा है ,क्या वरुण गांधी साहित्य उत्सव में मनुस्मृति लागू कराने के लिए चर्चा करने आ रहे हैं। मालूम हो कि इन दिनों नरेन्द्र मोदी की केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले वरुण गांधी पिछले दशक में अपने जहरीले भाषण को लेकर मुकदमे में भी फंसे थे। तब तहलका और आजतक ने एक स्टिंग आपरेशन में खुलासा किया था कि वरुण गांधी को सजा से बचाने के लिए उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे के सभी 80 गवाह राजनीतिक दबाव में रातो-रात पलट गये थे। दूसरे शब्दों में कहें तो तत्कालीन सपा सरकार वरुण का ढाल बन गयी थी।
नोट: वसुधैव कुटुम्बकम परिषद का प्रेस बयान नीचे पढ़ें
प्रेस विज्ञप्ति
सांसद वरुण गाँधी के साथ होगी वसुधैव कुटुम्बकम परिषद की बौद्धिक संगोष्ठी – जे0एन0 त्रिवेदी
-शामिल होंगे विद्वान- विचारक-वक्ता
वसुधैव कुटुम्बकम परिषद के तत्त्वावधान में 19 मार्च को मध्याह्न 12.30 बजे से संगोष्ठी आरम्भ होगी। इस अवसर पर बौद्धिक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय सांसद श्री वरुण गाँधी होंगे। जनहित और राष्ट्रहित में उनकी विचारधारा वसुधैव कुटुम्बकम परिषद के उद्देश्य के सर्वथा अनुकूल है। इसलिए वरुण गाँधी के साथ बौद्धिक संगोष्ठी करने का निर्णय लिया गया है। इनके साथ संगोष्ठी में परिषद से जुड़े कई गन्यमान्य विद्वान, वक्ता, नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता भाग लेंगे।
इस संदर्भ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उक्त आशय की जानकारी साझा करते हुए परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे0एन0 त्रिवेदी ने कहा – वर्तमान काल जातिवादी राजनीति से खंड खंड में विखण्डित जन मानस में राष्ट्रीय नागरिक कर्तव्य बोध की चेतना जगाने का आह्वान कर रही है। क्योंकि भारत का वर्तमान देश, काल और परिस्थिति जाति धर्म विरोधी वातावरण में गणतांत्रिक, प्रजातांत्रिक राजनीतिक मूल्य हाशिये पर चला गया है। बॉटने, काटने और राज करने की जिस कुनीति को अपनाकर अंग्रेजों ने भारत पर राज भी किया और लूटा, आज जातिवाद और सम्प्रदायवाद की राजनीति करनेवाले स्वदेशी उस कुनीति को अपनाकर देशवासियों को बांट रहे है, जोड़ तोड़ से येन केन प्रकारेण सत्ता हासिल करने वाली राजनीति कर रहे हैं और भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानकर निर्ममता पूर्वक जनहित एवं राष्ट्रहित के लिए उपलब्ध आर्थिक संसाधनों को लूट रहे हैं।
उन्नत नई पीढ़ी निर्माण के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, कला, कौशल युक्त युवाओँ के निर्माण और उसकी उपयोगिता सुनिश्चित करना, सरकार स्तर पर जनता को रोगों से बचाने और चिकित्सा की अपेक्षित सुविधा मुहैया कराना, किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए और आत्मनिर्भरता के लिए उद्योग व्यापार को बढ़ावा देना आदि जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दों पर सोचने के बजाय आज समाजवादी राजनीति के नाम पर समाज मे परस्पर जाति धर्म विरोध का वातावरण बनाकर वोट की राजनीति को अपने हित में साधने के लिए मनुस्मृति, रामचरितमानस जैसे धर्मग्रंथों का विरोध होने लगा है। ऐसे लोग व्यक्तिधर्म, समाजधर्म और देशधर्म विरोधी बनकर देश के भविष्य के लिए संकट बनते जा रहे हैं।
वसुधैव कुटुम्बकम परिषद ने उन जनविरोधी राष्ट्रविरोधी ताकतों को बेनकाब कर वर्तमान परिवेश के अनुकूल ऐसा वातावरण बनाने के लिए संकल्पित है जिसमें जातिवाद की अवधारणा को समाप्त कर वर्ण व्यवस्था की अवधारणा को वर्तमान में सर्वग्राह्य बनाना संभव हो। जिसमें ब्राह्मणत्व है वह ब्राह्मण कहलाने योग्य है चाहे उसकी जन्मना जाति कुछ भी हो।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि आज समय आ गया है जन समुदाय की चेतना जगाने का कि मनुस्मृति में भगवान मनु ने सम्पूर्ण मानव जाति के हित में क्या लिखा है ? जो ज्ञान सदियों से वैश्विक बौद्धिक जगत में सर्वत्र समादृत है, उस ज्ञान के प्रति अपने स्वदेश में क्यों कोई अयोग्य, अल्पशिक्षित, संस्कार, ज्ञान, गुण धर्म से हीन व्यक्ति (स्त्री पुरुष) भी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर भ्रमित कर रहा है। किसी भी धार्मिक आस्था और धर्मग्रंथ को अपमानित करने की इजाजत संविधान में नही है।
संवाददाता सम्मेलन में परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर.एन. मिश्रा, वरीय अधिवक्ता पंडितजी पाण्डेय, वशिष्ठ नारायण चौबे, महासचिव संतोष तिवारी ने भी आयोजन से संबंधित जानकारी साझा की।
संतोष तिवारी
महासचिव
वसुधैव कुटुम्बकम परिषद