स्टेट डेस्क/पटना: बिहार के नये राज्यपाल आरिफ मोहमद खान ने गुरुवार 2,जनवरी को पद और गोपनीयता की शपथ ली। आरिफ बिहार के चौथे मुस्लिम राज्यपाल हैं। उनसे पहले मुस्लिम समुदाय से डा एआर किदवई (दो बार),मो युनूस सलीम, और जाकिर हुसैन बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं।
पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्णन विनोद चंद्रन ने बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधारी और विजय कुमार सिन्हा के साथ अन्य मंत्री भी इस मौजूदा थे।
शपथग्रहण से पहले बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बांस घाट पर प्रथम राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि आज मेरा शपथ ग्रहण है और ये लोग हैं जिनकी वजह से हम आजाद हुए हैं,तो इन्हें याद करना जरूरी है।
मालूम हो कि राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की जगह आरिफ मोहम्मद खान इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। आर्लेकर केरल के राज्यपाल बनाये गये हैं। इससे पहले आरिफ मोहम्मद खान केरल के राज्यपाल थे। 24 दिसंबर को केन्द्र सरकार ने उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाने की अधिसूचना जारी की थी। नरेंद्र मोदी की सरकार ने आरिफ को बिहार का राज्यपाल ऐसे वक्त में बनाया है।
जब देशभर में आर एस एस, भाजपा और उनसे परोक्ष अपरोक्ष रूप से जुड़े संगठन मुस्लिम विरोधी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण में जोर शोर से जुटे हैं। आरिफ की पहचान मुस्लिम विद्वान और प्रभावशाली राजनेता की है।
बुधवार को वे नीतीश कुमार के साथ उनके गांव में उनकी माता की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। शाम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से उनके घर जाकर मिले। तेजस्वी ने राजभवन में जाकर उनसे भेंट की। राज्यपाल ने भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा से भी मुलाकात की।