राज्य में दलित-गरीबों-महिलाओं पर हिंसा, स्मार्ट मीटर की लुटेरी योजना, जबतक गरीबों को पर्चा नहीं तबतक भूमि सर्वे पर रोक और बाढ़ की भयावह स्थिति पर जैसे मुद्दे होंगे यात्रा के केंद्र में
6 अक्टूबर को बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करेंगे माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य
स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार की तथाकथित डबल इंजन की सरकार डबल बुलडोजर की सरकार है. राज्य की भयावह गरीबी, पलायान, बाढ़ आदि समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. कुछ सड़कों -हवाई अड्डों का सब्जबाग दिखलाकर बिहार के विकास का जो बखान कया जाता रहा है वह पूरी तरह बकवास है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अथवा बैकवर्ड एरिया ग्रांट आदि सवालों से भी सरकार ने मुंह चुरा लिया है.
दूसरी ओर, हाल के दिनों में राज्य में दलित-गरीबों-महिलाओं पर संगठित हिंसा, अपराध व बलात्कार हर रोज नया रिकाॅर्ड बना रहा है. भूमि सर्वे गरीबों को उजाड़ने का अभियान बन रहा है. भूदान, सीलिंग, सिकमी बटाईदार सबों के लिए यह आफत बना हुआ है. यां तक कि बंटवारा व दाखिल खारिज न होना,
कागजात की कमी आदि अनेक कारणों से यह अन्य लोगों के लिए भी तबाही का कारण बना हुआ है. जबतक इससे जुड़े तमाम मामले हल नहीं होते, इसपर रोक लगाने की जरूरत है. पूरे बिहार में स्मार्ट मीटर एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है. हर कोने से इसपर रोक की मांग उठ रही है लेकिन सरकार चुपी साधे हुए है.
संवाददाता सम्मेलन को पार्टी के राज्य सचिव का. कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, स्कीम वर्कर की नेता शशि यादव, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, सत्यदेव राम ने भी संबोधित किया.
इसी आलोक में भाकपा-माले आगामी 16 से 25 अक्तूबर तक बिहार में ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ निकालेगी. वक्त आ गया है कि बिहार में बदलाव की लड़ाई को तेज किया जाए. इसके तहत राज्य में मुख्यतः 5 यात्रां निकलेगी. साथ ही, जिलों में भी यात्राएं आयोजित की जाएंगी.
27 अक्टूबर को पटना में ‘बदलो बिहार जन सम्मेलन’ का आयोजन किया जाएगा. यात्रा के दौरान जीविका, आशा-रसोइया, आंगनबाड़ी सहित अन्य स्कीम वर्करों, रोजगार के लिए आंदोलनरत छात्र-युवाओं, मजदूर-किसानों के साथ-साथ अन्य ज्वलंत सवालों पर जन संवाद के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.
माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में बाढ़ की भयावह स्थिति के लिए दिल्ली-पटना की सरकारें जिम्मेवार हैं. उनके नेतृत्व में 6 अक्टूबर को भाकपा-माले नेताओं की एक उच्चस्तरीय टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी.
वे बागमती इलाके होते हुए कोसी कटाव स्थल तक जायेंगे. कोसी के तटबंधों का भाजपा-नीतीश सरकार में दो बार टूटना बड़ा सवाल करता है. यह सरकार की आपराधिक लापरवही को दर्शाता है. आत्ममुग्ध सरकार जमीनी हकीकत से पूरी तरह कट सी गई है.
उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों के घर ध्वस्त हो गए, उन परिवारों के लिए 7 हजार राहत की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. औराई में राहत मांग रहे लोगों पर लाठीचार्य निंदनीय है. बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे पर जाने वाली टीम में विधायक दल के नेता महबूब आलम, युवा विधायक संदीप सौरभ, एमएलसी शशि यादव, पार्टी के मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा, कोसी प्रभारी बैद्यनाथ यादव और किसान नेता जितेंद्र यादव आदि रहेंगे.
बाढ़ की तबाही को देखते हुए सरकार को खुद पहल लेकर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी और राहत, फसल क्षति मुआवजा व बाढ़ के स्थाई समाधान पर बातचीत करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा उसका कोई विचार नहीं है.
भाकपा-माले मांग करती है कि राज्य के उपुर्यक्त सवालों पर तत्काल सर्वदलीय बैठक और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए.
16 से 25 अक्टूबर तक चलने वाली 5 यात्रायें का रूट चार्ट इस प्रकार है –
- अभी हाल में नवादा में एक दलित बस्ती में सत्ता संरक्षित भू माफिया गिरोह द्वारा भूमि सर्वे की आड़ में आग लगने की बर्बर घटना हुई है जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा. पहली यात्रा नवादा से ही शुरू होगी. नवादा से शुरू होकर यह यात्रा पटना तक आएगी जिसका नेतृत्व खुद का. दीपंकर भट्टाचार्य और पार्टी के अन्य विधायक साथी करेंगे.
- दूसरी यात्रा सासाराम से आरा तक होगी. इसका नेतृत्व माले राज्य सचिव का. कुणाल और काराकाट के सांसद का. राजाराम सिंह करेंगे.
- तीसरी यात्रा जयनगर से विभूतिपुर तक होगी. नेतृत्व का. धीरेंद्र झा व मंजू प्रकाश करेंगे.
- भीतहरवा आश्रम से मुजफ्फरपुर तक चैथी यात्रा होगी जिसका नेतृत्व का. वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता करेंगे.
- सीवान से छपरा तक पांचवीं यात्रा होगी जिसका नेतृत्व का. सत्यदेव राम और अन्य नेतागण करेंगे.