बीएपीएमआर में दर्द और गठिया प्रबंधन में नवीनतम तकनीक पर आयोजित संगोष्ठी में डॉक्टरों ने शोधपरक अनुभव सांझा किया
आईजीआईएमएस में जल्द ही ब्रेन, स्पाइन और खेल में घायल मरीजों के लिए 30 अतिरिक्त बेड दिए की व्यवस्था होगी: मनीष मंडल
PATNA/Shivanand Giri : बिहार में दर्द के रोगियों के लिए बीएपीएमआर बेहतर काम कर रहा है और यहां डॉक्टरों को नियमित संगोष्ठी आयोजित कर आमजन को जागरूक करने की आवश्यकता है, आईजीआईएमएस के निदेशक सह कुलपति प्रो डॉक्टर बिंदे कुमार
ने विभिन्न न्यूरो मस्कुलोस्केलेटल दर्द और गठिया के क्षेत्र में विकास और अनुसंधान के लिए अपनी बात रखते हुए कहा कि लोगों को नए दर्द निवारक इंजेक्शन और अन्य तकनीकों की मदद से दर्दनाक पुराने दर्द और विभिन्न गठिया से राहत पाने के लिए कहा।
प्रभावित रोगी को सही निदान और दर्द से राहत प्रदान करने के लिए IGIMS PMR विभाग हमेशा तत्पर रहता है। पटना के एक होटल में आयोजित बीएपीएमआर दर्द संगोष्ठी 2023 का उद्घाटन करते हुए डॉक्टर कुमार ने कहा कि ऐसे डॉक्टरों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर बिहार के लोगों को जागरूक करने की बल दिया।
बिहार एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (बीएपीएमआर) द्वारा आयोजित इस बियॉन्ड पेन एंड सफ़रिंग थीम आधारित संगोष्ठी में उन्होंने आगे कहा कि बिहार में दर्द के रोगियों के लिए बीएपीएमआर बेहतर काम कर रहा है।
इस अवसर पर आईजीआईएमएस के सुप्रीटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल ने कहा कि आईजीआईएमएस में जल्द ही ब्रेन, स्पाइन और खेल-कूद में घायल मरीजों के लिए 30 अतिरिक्त बेड दिए जाएंगे।उन्होंने कहा कि आईजीआईएमएस का पीएमआर डिपार्टमेंट काफी अच्छा काम कर रहा है और रोगियों की बढ़ती संख्या और बेहतर सुविधा के लिए इसको और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने इस दर्द संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए डॉ राज कुमार सचिव बीएपीएमआर और एचओडी, पीएमआर विभाग, आईजीआईएमएस को बधाई दी। उन्होंने सही न्यूरोमस्कुलोस्केलेटल निदान और पुनर्योजी हस्तक्षेप(Regenerative therapy, PRP) स्थापित करने के लिए मस्कुलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके जटिल मांसपेशियों, तंत्रिका और जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए समर्पित होने के लिए सराहना की।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ संजय पांडे (एचओडी, पीएमआर, एम्स ) ने जेआईए (बच्चे), ऑस्टियोआर्थराइटिस, और यूरिक एसिड (गाउट) गठिया में घुटने के दर्द का वर्णन किया और बताया कि वे विभिन्न उपलब्ध उपचार विकल्पों (दवा, सिनोविअल द्रव बहाली, इंजेक्शन) के माध्यम से विशेषज्ञ मार्गदर्शन के तहत प्रबंधनीय हैं। इसी तरह डॉ गणेश कुमार और डॉ राज कुमार (एचओडी, पीएमआर, आईजीआईएमएस) ने विभिन्न प्रकार के तंत्रिका (न्यूरोपैथिक) दर्द के लक्षणों पर बात की, जो मधुमेह, आघात, संक्रमण, दवा की अधिकता और विटामिन की कमी के बाद काफी आम हैं।
ऐसे रोगी को दिन में काम करने में परेशानी होती है और रात में नींद में खलल पड़ता है. लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है, ये सही निदान, दवा, अल्ट्रासाउंड-निर्देशित तंत्रिका ब्लॉक और पर्याप्त और उचित व्यायाम विधियों द्वारा नियंत्रित होते हैं। डॉ. राज कुमार ने डायबिटिक फुट और उपचार के इलाज के लिए रोकथाम और विभिन्न पुनर्वास विधियों पर भी जोर दिया। डॉ राज कुमार ने डायबिटिक फुट और अल्सर के इलाज के लिए, रोकथाम और विभिन्न पुनर्वास विधियों पर भी जोर दिया। इन अंगों को बचाया जा सकता है और अपंगता से बचा जा सकता है।
एम्स देवघर के डॉ. दीपक कुमार ने दर्द-मुक्त गतिशीलता के लिए योग के तरीके बताए। डॉ अंजनी (एम्स पटना) ने रीढ़ की हड्डी और ऑस्टियोपोरोटिक दर्द पर बात की।डॉ सान्याल (ईएसआईसी बिहटा) ने बेड सोर और घाव भरने में शल्य चिकित्सा तकनीकों का वर्णन किया। एमडी डॉक्टरों ने अपने वैज्ञानिक शोध प्रस्तुत किए।डॉ अभिनव आईजीआईएमएस ने लकवाग्रस्त रोगी के लिए दर्द, स्पास्टिसिटी और मूत्राशय और आंत्र असंयम से छुटकारा पाने के लिए पुनर्वास कार्य प्रस्तुत किया।