विपिन कुमार। विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने अपना पद त्याग दिया है. राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी महागठबंधन की सरकार में स्पीकर थे. नीतीश कुमार का अगुवाई में बनी नई सरकार के गठन के बाद उनको स्पीकर के पद से हटाने के लिए पहले ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, बावजूद इसके उन्होंने कहा था कि मैं पद से नहीं हटूंगा.
हालांकि सोमवार को उन्होंने इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद स्पीकर की कुर्सी छोड़ दी. स्पीकर ने कहा कि मुझसे पद से हटाने की सूचना दी गई है. मैं सदन में सूचना को प्रस्तुत करने की अनुमति देता हूं.
सोमवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर को पद से हटाने का प्रस्ताव लाया पर चर्चा की गई जिसके बाद अवध बिहारी चौधरी ने अपना पद छोड़ना पड़ा. पहले से ही तय माना जा रहा था कि स्पीकर के पद पर अवध बिहारी चौधरी नहीं रहेंगे. स्पीकर के हटने के बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया.
अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि मैं डेढ़ साल तक अध्यक्ष के पद पर रहा. मैं उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करता हूं. जो आज है कल नहीं रहेगा. मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगा जाना संविधान की प्रक्रिया है
मालूम हो कि कुछ ही देर बाद नीतीश कुमार की सरकार को बिहार विधानसभा में बहुमत हासिल करना है. बिहार में भले ही सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से अपने-अपने दावे किए जा रहे हों लेकिन सदन का समीकरण भी जानना जरूरी है. बिहार विधानसभा में कुल विधायको की संख्या 243 है. बहुमत का आंकड़ा 122 है यानी किसी भी सरकार को सदन में 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है.
बात अगर एनडीए यानी सत्ता पक्ष की करें तो सत्ता पक्ष का दावा है कि उसके पास 128 विधायक हैं, जिसमें बीजेपी के 78, जद-यू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह शामिल हैं. हालांकि विधायकों की असली संख्या का पता फ्लोर टेस्ट में ही चलेगा क्योंकि राजद का दावा है कि खेला होगा यानी पूरी कोशिश है कि सदन में नीतीश सरकार बहुमत हासिल नहीं करेगी इसके पीछे तर्क है कि जेडीयू के विधायक उनके खेमें के साथ हैं.