नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी खरी-खोटी सुनाई,मांझी ने जनगणना को ग़लत बताया तो भड़क गये मुख्यमंत्री!
हेमंत कुमार/पटना : सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाला विधेयक गुरुवार को बिहार विधानसभा से पास हो गया। विधान परिषद में इस पर कल चर्चा होगी। परिषद से इस विधेयक का पास होना बस औपचारिकता रह गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार देशभर में जातीय जनगणना करवाए और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे ताकि पिछड़े बिहार को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण का दायरा 50 फीसदी बढ़ाने की मांग पर नीतीश ने भाजपा सदस्यों की ओर मुखातिब होकर कहा,आपलोग भी अंदर से अपने नेताओं पर दबाव बनाइए ताकि देशभर में जाति जनगणना हो जाये और बिहार को विशेष भी मिल जाये।
मालूम हो कि आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए) (संशोधन) विधेयक, 2023 और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में) आरक्षण (संशोधन) विधेयक,2023 लेकर आयी थी। विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने पेश किया।
आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान उस वक्त अजीब स्थिति पैदा हो गयी जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के खिलाफ तल्ख लहजे में टिप्पणी की। मांझी आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कह रहे थे कि जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट गलत है। सर्वेक्षण में गड़बड़ी हुई है। सर्वेयर लोगों के बीच नहीं गये हैं।
मांझी की इसी बात पर मुख्यमंत्री नाराज हो गये। उन्होंने भाजपा सदस्यों की ओर मुखातिब होकर कहा, इस आदमी को कुछ नहीं आता है। मैंने इसको मुख्यमंत्री बनाया। मेरी ग़लती से मुख्यमंत्री बना था। मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना था। यह आपलोगों के इशारे पर नाच रहा है। इसको गवर्नर बनवा दीजिए। इसी बात पर भाजपा के सदस्य हंगामा करने लगे। हंगामा बढ़ते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी!
इससे पहले भाजपा के सदस्यों ने आज दूसरे दिन भी सुबह 11 बजे बैठक शुरू होते ही सदन में हंगामा किया जिसके कारण सदन की बैठक मात्र सात मिनट चली । स्पीकर अवधबिहारी चौधरी ने सदन की बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बीजेपी के सदस्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांग रहे थे। दूसरी ओर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बीजेपी जाति सर्वेक्षण के आंकड़े उजागर होने और उसके आधार पर आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक बढ़ाने के निर्णय से बौखलाई हुई है। ये मुद्दे को भटकाना चाहते हैं।
विधेयक पास होते ही बिहार में सरकारी सेवाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में एस सी , एस टी , ईबीसी और बीसी को मिलने वाला आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत हो जायेगा। इसमें EWS प्राप्त 10 प्रतिशत आरक्षण को जोड़ देने से बिहार कुल आरक्षण 75 फीसदी हो जायेगा।
आरक्षण का दायरा
एस सी – 20 प्रतिशत
एसटी – 2 प्रतिशत
अत्यंत पिछड़ा वर्ग – 25 प्रतिशत
पिछड़ा वर्ग – 18 प्रतिशत
आर्थिक पिछड़ा समुदाय 10 प्रतिशत
कुल -75 प्रतिशत