सरकारी स्कूलों के प्रति उदासीन रवैया दिखाकर छात्रों के सपनों को कुचलने का काम कर रही है बिहार सरकार : अरविन्द सिंह

पटना

DESK : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द सिंह ने कहा है कि बिहार में सरकारी स्कूल के बिल्डिंगों की मरम्मत एवं जर्जर व्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं विद्यार्थियों को बिहार में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के प्रति बिहार सरकार की दमनकारी रवैया बिहार के छात्रों के प्रतिभाओं को दमन करने का काम कर रही हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सरकार का उदासीन रवैया कर्मठ एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को अपने सपनों को पूरा करने से वंचित करने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री जी जिनके पार्टी के पास शिक्षा विभाग है वह पहले शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ कर विद्यार्थियों को बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करा कर अपने जिम्मेदारी को पहले पूरा करने का काम करें, बाद में प्रधानमंत्री बनने का ख्याली पुलाव पकाएं।

अरविन्द ने कहा है कि जहां शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सरकार बिहार के छात्रों के सपनों कुचलने का काम कर रही है, वही मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी विद्यार्थियों के उत्थान के लिए शिक्षा के क्षेत्र में पूर्व में बिहार के उज्ज्वल इतिहास को देखते हुए दरभंगा में एम्स, बोधगया में आईआईएम, पटना के बिहटा में एनआईटी बनाया, नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित किया, आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार व कई अन्य शिक्षा संस्थानों को मोदी जी ने बिहार को दिया है।

जबकि अब 2022-23 में शिक्षकों की सैलरी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए, किताब और पोशाक के लिए, प्रखंड स्तर पर कंप्यूटर लैब खोलने के लिए, शैक्षणिक योजनाओं पर 9184 करोड़ रुपए बिहार में खर्च करेगी मोदी सरकार, बिहार में अब शिक्षा की लौ नहीं पड़ेगी धीमी और मोदी सरकार बिहार को बनाएगी उन्नत राज्य।

साथ ही मोदी मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देकर बच्चों के चिंतन, तर्क व अनुसंधान की क्षमता को आगे बढ़ा कर ब्रेन ड्रेन थ्योरी को ब्रेन गेन थ्योरी में बदलने का काम कर रहे हैं। और शिक्षा को मातृभाषा में बढ़ावा देकर अपनी मातृभाषा को सशक्त कर भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहे हैं।