पटना, अशोक “अश्क” बिहार सरकार राज्य में विकास कार्यों को नई गति देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह राशि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित विकास योजनाओं पर खर्च होगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दक्षिण बिहार की 120 योजनाओं को स्वीकृति दी गई, जिन पर 30 हजार करोड़ रुपये का व्यय होगा।

बैठक में कुल 146 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने जानकारी दी कि उत्तर और दक्षिण बिहार मिलाकर मुख्यमंत्री ने प्रगति यात्रा के दौरान 430 योजनाओं की घोषणा की थी। इनमें से 190 योजनाएं विभागीय स्तर पर स्वीकृत हो चुकी थीं, जबकि 240 योजनाओं को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी है।
उत्तर बिहार के लिए 187 योजनाओं की घोषणा हुई थी, जिनके लिए 20 हजार करोड़ रुपये पूर्व में स्वीकृत किए जा चुके हैं। वहीं, दक्षिण बिहार के लिए 243 योजनाओं की घोषणा की गई थी, जिनमें से 123 योजनाओं को पहले ही मंजूरी मिल चुकी थी, जबकि 120 योजनाओं को आज की बैठक में स्वीकृति दी गई।
इस प्रकार मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल 50 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस राशि से आधारभूत संरचना के विकास से लेकर जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं को गति मिलेगी। शिक्षा क्षेत्र में 9 नए डिग्री कॉलेजों की स्थापना होगी, स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रदेश में 7 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, खेल एवं पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में 14 स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनेंगे और 24 धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा, सड़क एवं पुल निर्माण में लगभग 185 सड़क एवं पुल निर्माण परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, बिजली एवं जल संसाधन से 9 नए विद्युत ग्रिड बनाए जाएंगे और 6 नदियों की उड़ाही योजनाएं स्वीकृत की गई है और उद्योग एवं कला के लिए प्रदेश में 8 औद्योगिक योजनाओं को मंजूरी मिली है और 7 अटल कला भवन बनाए जाएंगे।
बिहार सरकार ने क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 2013 में संशोधन किया है। अब 1 से 40 बेड वाले निजी अस्पतालों को निबंधन से छूट मिलेगी, जबकि 40 से अधिक बेड वाले अस्पतालों को 5 वर्षों के लिए निबंधन दिया जाएगा। पहले यह अवधि 1 वर्ष की थी। अब अस्पतालों को निबंधन के लिए आवेदन देने के 10 दिनों के अंदर मंजूरी या अस्वीकृति की जानकारी डाक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से देनी होगी।
मंत्रिमंडल ने शिक्षा एवं प्रशासन से जुड़े 3921 नए पदों के सृजन को स्वीकृति दी है। शिक्षा क्षेत्र में राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 2857 प्रधानाध्यापक पदों का सृजन किया गया है। प्रशासनिक क्षेत्र में सभी थानों में सहायक उर्दू अनुवादक पदों का सृजन किया गया है। इनमें कलेक्ट्रेट में 38 पद, अनुमंडल कार्यालय में 101 पद, प्रखंड कार्यालयों में 534 पद और अंचल कार्यालयों में 391 पद शामिल हैं।
बिहार सरकार द्वारा उठाए गए इन विकासात्मक कदमों से प्रदेश के संपूर्ण विकास को गति मिलेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना और औद्योगिक विकास को प्राथमिकता देकर सरकार ने राज्य को आगे बढ़ाने की मजबूत योजना बनाई है। मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के तहत घोषित योजनाओं का क्रियान्वयन अब तेजी से होगा, जिससे प्रदेश की जनता को सीधा लाभ मिलेगा।