Bihar : गुरु जी रगड़ रहे खैनी, तो स्टूडेंट भी पीछे नहीं, हावर्ड इंस्टीट्यूट की रिसर्च, गाइड लाइन तय की

पटना

Patna, Beforeprint : बिहार के सरकारी स्कूलों में गुरुजी खैनी रगड़ने और ठोंकने में मस्त हैं। तो मैट्रिक और इंटर में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स भी देखा देखी खैनी घिसने में व्यस्त होते जा रहे हैं। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि इसका खुलासा हुआ है, हावर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मुंबई की हिलिस सेखसरिया इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ और स्कूल ऑफ प्रिवेंटिव ओंकोलॉजी पटना की तरफ से चलाए गए एक संयुक्त सर्वे में। अब गुरुजी की लत छुड़ाने के लिए एक मॉडल तैयार है। बिहार में मुंह का कैंसर सबसे अधिक है। इसके बाद भी समाज को जाग्रत करने का जिम्मा रखने वाले अध्यापकों में ही खैनी की लत नहीं छूट पा रही है। हावर्ड यूनिवर्सिटी ने एक प्लान ऑफ एक्शन तैयार किया है जिसके आधार पर गुरुजी की खैनी की लत छुड़ाई जाएगी।

बिहार में ‘तम्बाकू मुक्त शिक्षक-तम्बाकू मुक्त समाज’ के मकसद से 10 साल से चल रहे अभियान की रिपोर्ट गुरुवार को प्रस्तुत की गई। सर्वेक्षण करने वाली संस्थाओं का दावा है कि उसके तैयार किए गए मॉडल पर काम किया जाए तो बिहार तम्बाकू मुक्त बन सकता है। संस्थाओं के मुताबिक बिहार में अभी बहुत काम करने की जरूरत है। शिक्षक समाज का आइना होता है, जब शिक्षक ही नशा करेगा तो समाज नशामुक्त कैसे होगा। रिसर्च बिहार के दस जिलों में की गई। हिलिस सेखसरिया इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ के डॉ. धीरेंद्र नारायण सिन्हा ने बताया कि तंबाकू की लत को छुड़ाने के लिए गाइडलाइन तैयार की गई है।

इसी इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. प्रकाश सी गुप्ता और डॉ. मंगेश पेडनेकर ने बताया 2008 से लेकर 14 तक बिहार के दस जिलों नालंदा, पटना, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, पूर्वी और पश्चिम चंपारण हाजीपुर, सारण और समस्तीपुर के 72 स्कूलों के छह सौ शिक्षकों को दो भागों में बांटा गया। पहले ग्रुप को छह माह तक तंबाकू का सेवन बंद करने से संबंधित कई क्रियाकलापों में शामिल किया गया। इसके बाद 50 प्रतिशत शिक्षकों ने तंबाकू छोड़ दिया।

जबकि जिन स्कूलों को क्रियाकलापों में शामिल नहीं किया गया था उसमें सिर्फ 15 प्रतिशत शिक्षक ही तंबाकू छोड़ सके। मिशन की सफलता को देखते हुए इसे आगे भी जारी रखने के लिए ही मॉडल बनाया गया है जिसके तहत एक स्वयं सहायता गाइड लाइन तैयार की गई है। इसे प्रदेश सरकार को सौंपा जाएगा। सरकारी तंत्र की सहायता से तंबाकू मुक्त प्रदेश की स्थापना की जा सकेगी।