इतिहास रचने जा रहा है बिहार, नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण बढ़ाने का विधेयक होगा पेश!

पटना

हेमंत कुमार/पटना: बिहार की महागठबंधन सरकार एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है। सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाला विधेयक पेश होने जा रहा है। इसके लिए सरकार बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए) (संशोधन) विधेयक, 2023 और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में) आरक्षण (संशोधन) विधेयक,2023 लेकर आ रही है।

दूसरी ओर बीजेपी के सदस्यों ने आज दूसरे दिन सदन में हंगामा किया जिसके कारण सदन की बैठक मात्र सात मिनट चली । स्पीकर अवधबिहारी चौधरी ने सदन की बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

बीजेपी के सदस्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांग रहे थे। दूसरी ओर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बीजेपी जाति सर्वेक्षण के आंकड़े उजागर होने और उसके आधार पर आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक बढ़ाने के निर्णय से बौखलाई हुई है। ये मुद्दे को भटकाना चाहते हैं।

विधेयक पास होते ही बिहार में सरकारी सेवाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में एस सी , एस टी , ईबीसी और बीसी को मिलने वाला आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत हो जायेगा। इसमें EWS प्राप्त 10 प्रतिशत आरक्षण को जोड़ देने से बिहार कुल आरक्षण 75 फीसदी हो जायेगा।

आरक्षण का दायरा
एस सी – 20 प्रतिशत
एसटी – 2 प्रतिशत
अत्यंत पिछड़ा वर्ग – 25 प्रतिशत
पिछड़ा वर्ग – 18 प्रतिशत

आर्थिक पिछड़ा समुदाय 10 प्रतिशत

कुल -75 प्रतिशत