Patna, Beforeprint : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी इन दिनों सत्ता में तो हैं पर खुद तेजस्वी यादव को ये लगता है कि वे पूरी तरह से शासन में नहीं आए हैं। तभी तो उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट की। जिसमें उन्होंने एक बीज की तरह जमीन में दबे होने और खामोश रहने की बात कही है। उनके इस बयान को यूं देखा जा रहा है कि अभी भी तेजस्वी का समय नहीं आया तो कब आएगा। अंकुरण से उनका मतलब क्या है? इसी को लेकर बिहार के सियासी गलियारों में हलचल मच गई है।
यूं तो तेजस्वी पहले भी इस तरह के पोस्ट कर चुके हैं। पर इस बार वे सत्ता में हैं। महागठबंधन में वह डिप्टी सीएम के पद पर आसीन हैं। हां, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। फिर उन्होंने अपनी पोस्ट में यह क्यों कहा कि ‘बीज को अंकुरित होने के लिए भूमिगत रह अंधेरे में खामोश रहना पड़ता ताकि वह अपने कठोर आवरण को तोड़ अंकुरित हो सके।’ इस पोस्ट के मायने तो काफी अलग ही समझ में आ रहे हैं कि जैसे वह कहना चाहते हो कि अपना टाइम आएगा।
पोस्ट से साफ है कि तेजस्वी ने यह बताने की कोशिश की है कि वे अभी उस मुकाम को पूरी तरह हासिल नहीं कर पाए हैं जो वो करना चाहते हैं। इस पोस्ट से तेजस्वी यह बताना चाहते हैं कि वह अभी खामोश हैं। यानि तेजस्वी अभी अंकुरण अवस्था से गुजर रहे हैं। जब वे अंकुरित हो जाएंगे तब जाकर उनकी पहचान बनेगी।