-मुख्यमंत्री अपने सहयोगियों के रक्त नमूनों की जांच करवाएं: विजय कुमार सिन्हा
-शराब से हुए मौत पर मुआवजा नहीं देने तथा विधायिका को कमजोर करने के विरोध में भाजपा विधायकों, विधान पार्षदों का धरना कल
-राजद एमएलसी ने साफ कर दिया कि उपमुख्यमंत्री पीते हैं शराब, सीएम कब करेंगे कार्रवाई: सम्राट चौधरी
DESK : बिहार विधानमंडल सत्र के पांच दिन के शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मंगलवार को जमकर सियासी हमला बोला है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने घोषणा करते हुए कहा कि बुधवार को विधानमंडल परिसर में भाजपा के विधायक और विधान पार्षद धरना पर बैठेंगे।
द्वय नेताओं ने मुख्यमंत्री से कैबिनेट में अपने सहयोगियो के रक्त नमूनों की जांच करवाने की भी मांग की कि ये नशा करते हैं या नहीं। द्वय नेताओं ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कई मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधा।
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहां की पिछले दिनों बिहार में हुए शराब से मौत राज्य सरकार को मुआवजा देना होगा l गरीबों की आवाज हम उठाएंगे राज्य सरकार शराबबंदी में पूरी तरह विफल हो गई है। भारतीय जनता पार्टी शराब से हुई मौत वाले परिजनों को मुआवजा दिला के रहेगी l उन्होंने सरकार पर विधायिका को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार राष्ट्रीय एकता को विखंडित करने का कोशिश कर रही है।
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार विधान सभा के 5 दिवसीय शीतकालीन सत्र में विपक्ष की आवाज को दबाने में पूरी कोशिश की गयी। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का माइक बंद रखा गया, कैमरा को हमारी ओर नहीं आने दिया गया, मेरे खिलाफ सदन में गलत आरोप लगाया गया और सरकार द्वारा हमें उत्तेजित कर कार्यवाही बाधित कर विधायिका को कमजोर करने का प्रयास किया गया।
श्री सिन्हा ने अध्यक्ष की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह इस पूरे सत्र में अध्यक्ष कम और सरकार के प्रवक्ता की भूमिका में ज्यादा नजर आये। उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में अध्यक्ष ने इतने हंगामे के बाद भी कार्यमंत्रणा की बैठक नहीं बुलाई। उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष के लगभग 50 मिनट के भाषण में अध्यक्ष ने 113 बार टोका-टोकी और अमर्यादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों के विरोध में बुधवार को भाजपा के विधायक और विधान पार्षद विधानमंडल परिसर में धरना पर बैठेंगे।
पूर्व विधानसभाध्यक्ष श्री सिन्हा कहा कि नीतीश सरकार राष्ट्रीय एकता के साथ खिलवाड़ कर रही है। सत्र की समाप्ति पर राष्ट्रीय गीत गाकर सत्र की समाप्ति की परंपरा रही है जिसे भी सरकार ने तोड़ कर साबित कर दिया है कि इन्हें राष्ट्रीय एकता व अखंडता से चिढ़ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भाजपा शराबबंदी ही नहीं नशाबंदी के पक्ष में है, लेकिन मुख्यमंत्री अपने सहयोगियों की जांच करा लें, शराबबंदी की हकीकत समझ आ जाएगी।
संवाददाता सम्मेलन में विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि वर्ष 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू की गई है। तब से अब तक करीब 4 लाख मामले दर्ज किए और करीब 4 लाख 50 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें से लगभग 1300 लोगों को दोषी पाते हुए अदालत द्वारा सजा सुनाई गई। उन्होंने कहा कि इनमें से मात्र 83 लोग ऐसे हैं जो शराब आपूर्तिकर्ता है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी की शराबबंदी कानून का फलसफा मात्र इतना है कि छह साल में 83 शराब आपूर्तिकर्ताओं को सजा।
उन्होंने एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन की चर्चा करते हुए कहा कि स्टिंग में राजद के एमएलसी खुद बता रहे हैं कि उपमुख्यमंत्री शराब का सेवन करते हैं। अब मुख्यमंत्री को इससे बड़ा सबूत क्या मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि कब वे उपमुख्यमंत्री पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जिन नेताओं से घिरे रहते हैं कि उनके रक्त की जांच की जाए तो साफ हो जाएगा कि बिहार में नशाबंदी की क्या स्थिति है। उन्होंने सारण में जहरीली शराब से हुई मौत की चर्चा करते हुए कहा कि उनके मृतक के परिजनों को मुआवजे की मांग दोहराई।