बिहार खेल विश्वविद्यालय को यूजीसी से मान्यता, खेल और शिक्षा क्षेत्र में बढ़ेगी संभावनाएं

पटना

पटना, अशोक “अश्क” बिहार के राजगीर स्थित बिहार खेल विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से विधिवत मान्यता मिल गई है। यह उपलब्धि न केवल राज्य के खेल क्षेत्र के लिए, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित यह विश्वविद्यालय अब देश के खेल मानचित्र पर बिहार को स्थापित करेगा। यूजीसी से मान्यता प्राप्त होने के साथ ही बिहार खेल विश्वविद्यालय को शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रम शुरू करने का अधिकार मिल गया है।

google.com, pub-3161711413977012, DIRECT, f08c47fec0942fa0

शैक्षणिक सत्र 2025-26 से तीन प्रमुख पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी। स्पोर्ट्स कोचिंग में डिप्लोमा और स्नातकोत्तर डिप्लोमा यह कोर्स दो या तीन प्रमुख खेलों में विशेषज्ञता प्रदान करेगा। योग में डिप्लोमा और स्नातकोत्तर डिप्लोमा योग के क्षेत्र में शिक्षा और पेशेवर विकास को बढ़ावा देने के लिए इस पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है।

शारीरिक शिक्षा में बैचलर डिग्री यह चार वर्षीय पाठ्यक्रम है, जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की स्वीकृति के अधीन है। बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्देश्य न केवल शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान के क्षेत्र में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, बल्कि उन्हें खेलों में भी प्रशिक्षित और सशक्त बनाना है।

विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर सिन्हा ने कहा, यह संस्थान छात्रों को शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ खेल में भी उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार खेल विश्वविद्यालय को खेल विज्ञान, खेल शिक्षा, खेल मेडिसिन, खेल प्रौद्योगिकी, और खेल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में कोर्स शुरू करने की मान्यता प्राप्त हुई है।

इन कोर्सों से न केवल छात्रों को खेल के व्यावसायिक पक्ष को समझने का अवसर मिलेगा, बल्कि खेलों को लेकर एक व्यवस्थित और प्रगतिशील दृष्टिकोण भी विकसित होगा। यूजीसी से मान्यता मिलने के बाद यह विश्वविद्यालय खेल क्षेत्र में बिहार की भागीदारी को मजबूत करेगा।

अब बिहार के युवा राज्य के भीतर ही खेल शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, यह विश्वविद्यालय देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को विकसित करने में अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस पहल से राज्य में खेल और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत से छात्रों के लिए करियर के नए रास्ते खुलेंगे।