बिहार के शिक्षा मंत्री ने ‘रामचरितमानस’ को नफरत फैलाने वाला बताया ग्रंथ, पढ़िए और क्या कहा…….

पटना

DESK : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ‘रामचरितमानस’ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने का ग्रंथ है। यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेकों गालियां दी गईं। रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?

बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया। फिर उसके बाद रामचरित मानस ने समाज में नफरत पैदा की। आज के समय में गुरु गोलवलकर की विचारधारा समाज में नफरत फैला रही है। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति को बाबा साहब अंबेडकर ने इसलिए जलाया था क्योंकि वह दलित और वंचितों के हक छीनने की बात करती है।

बतातें चलें कि राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) के 15वें दीक्षांत समारोह के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स हैं। यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं। नफरत देश को महान नहीं बनाएगा, देश को मोहब्बत महान बनाएगा।