पहली बार बड़े स्तर पर होगा बिहार में संत संसद
सनातन संस्कृति समागम में श्रीराम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए संत महात्मा
8 नवम्बर को संत संसद अंतरराष्ट्रीय संत सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघसंचालक मोहन भागवत

DESK : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि बिहार में बड़े पैमाने पर पहली बार बक्सर में श्रीराम कर्मभूमि न्यास के बैनर तले संत संसद अंतर्राष्ट्रीय संत सम्मेलन व सनातन संस्कृति समागम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए संत महात्मा श्रीराम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। अमृतकाल में श्रीराम के सतत विकास मॉडल बक्सर बनेगा। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे श्रीराम कर्मभूमि न्यास द्वारा बीआईए भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की प्रथम कर्मभूमि सिद्धाश्रम बक्सर में यह आयोजन 7 नवम्बर से शुरू होकर 15 नवम्बर 2022 को पांच आयामों में सम्पन्न होगा। इस योजना के तहत यज्ञ संस्कृति की आदि भूमि सिद्धाश्रम बक्सर में श्री लक्ष्मी नारायण वैदिक महायज्ञ, श्री रामकथा ज्ञान यज्ञ, श्री भागवत कथा ज्ञान यज्ञ, पुरूषार्थ चतुष्टय श्रीराम प्रज्ञा ज्ञान यज्ञ (अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी) एवं श्री राम लोकमंथन ज्ञानोत्सव का आयोजन किया गया है।

यह विराट आयोजन सिद्धाश्रम बक्सर को केंद्र में रखते हुए भगवान श्री राम की मर्यादा को प्रत्येक भारतीयों के मनमंदिर व व्यवहार में स्थापित करने के अभियान का शुभारंभ है। जगत्गुरु रामभद्राचार्य जी श्रीरामकथा कहेंगे, वहीं जगत्गुरु अनन्ताचार्य जी द्वारा श्रीमद्भागवत कथा कही जाएगी। इस अवसर से शुरू होने वाले अभियान को अभिव्यक्त करने वाली संकल्पना ‘‘मुझ में राम’’ नाम से लोगो के रूप में लोक को समर्पित किया जा चुका है। पांच आयामों वाले इस विराट आध्यात्मिक व सांस्कृतिक समारोह में 8 नवम्बर 2022 को अखिल विश्व सनातन संस्कृति समागम का आयोजन किया गया है। जिसमें भारत के सभी प्रमुख तीर्थों से संत, महंत, महामंडलेश्वर, जगत्गुरु व विषय के तज्ञ विद्वान शामिल होंगे।
इस विशेष अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक पूज्य डा. मोहनभागवत जी भी उपस्थित रहेंगे। भगवान श्री राम की जन्मभूमि का गौरव पुनःप्रस्फुटित हो रहा है। जन्मभूमि पर दिव्य व भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शीघ्र पूर्ण होने जा रहा है। भारत के संत, मनीषी व विचारकों का मानना है कि भगवान श्री राम का अवतरण जिस हेतू के लिए त्रेता युग में हुआ था, उसका शुभारंभ गंगा तट पर विराजमान सिद्धाश्रम बक्सर से हुआ था। श्री राम ने पृथ्वी को आतंक से मुक्ति दिलाकर दैहिक, दैविक व भौतिक तापों से मुक्ति दिलाने वाली व्यवस्था निर्माण की प्रक्रिया यहीं से शुरू की थी। अतः अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद सभी भाारतीयों के मन मंदिर में मर्यादा पुरूषोत्म श्री राम को स्थापित करने के अभियान की शुरूआत उनकी प्रथम कर्मभूमि-रणभूमि सिद्धाश्रम बक्सर से शुरू हो रहा है। बिहार का परमतीर्थ सिद्धाश्रम इस विश्व व्यापी अभियान के केंद्र के रूप में पुनःप्रतिष्ठित होगा।
इसी संकल्प के साथ श्री राम कर्मभूमि न्यास की स्थापना हुई है। श्री राम कर्मभूमि न्यास का यह विराट आयोजन इस दिशा में प्रथम कदम माना जा सकता है। इसमें प्रज्ञा प्रवाह, संस्कार भारती, सेवा भारती, विद्या भारती जैसे संगठन सहयोगी हैं। प्रेस वार्ता में समागम के स्वागत समिति सह विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आर एन सिंह, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, पद्मश्री डॉ विमल जैन, बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अशोक भट्ट, न्यास के सचिव अभिजीत कश्यप, अरुण मिश्रा, प्रज्ञा प्रवाह के प्रांतीय इकाई के अध्यक्ष चित्ती प्रोफेसर लक्ष्मी नारायण, सहित विभिन्न सामाजिक, आध्यात्मिक सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
