क्या मिट्टी काटने और ढोने के कठिन काम के लिए 228 रुपये में मजदूर उपलब्ध करा सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी!

पटना
  • मनरेगा की घोषित नई मजदूरी कारपोरेट लेबर लूट को बढ़ाएगी, मजदूरों को पलायन को मजबूर करेगी : धीरेंद्र
  • मोदी सरकार के बढ़ते फासीवादी हमले और गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ गांव और गरीबों को संगठित करने का संकल्प

स्टेट डेस्क/पटना : अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुधवार को पटना में सत्यदेव राम, राजेश सहनी, हरबिंदर सिंग सेमा, बालासुंदराम और नागराज की अध्यक्षता में शुरू हुई। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा,स्वदेश भट्टाचार्य,श्रीराम चौधरी, रामेश्वर प्रसाद आदि नेताओं सहित 15 राज्यों के 65 से ज्यादा गांव गरीबों के नेता भाग ले रहे हैं।

बैठक में मोदी सरकार के बढ़ते फासीवादी हमले और अंबानी-अदानी की मोदी सरकार की गरीब विरोधी नीतियों को लेकर व्यापक चर्चा हुई। नेताओं का कहना है कि संविधान लोकतंत्र के साथ साथ दलित – गरीबों के जमीन – जीविका पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा ने कहा कि मनरेगा बजट में कटौती के साथ-साथ कई तरह के अवरोधों में फंसा रही है। जियो टैग के जरिए डिजिटल हाजिरी और जॉब कार्ड को आधारकार्ड से जोड़ने की अनिवार्यता लाकर मनरेगा को मारने की साजिश रची जा रही है।

मनरेगा की घोषित नई मजदूरी दर कारपोरेट लेबर लूट का प्रोजेक्ट है और यह दर हिंदी पट्टी में मजदूरों के पलायन को बढ़ाएगा। विदित हो कि बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, यूपी आदि राज्यों की मनरेगा मजदूरी शर्मनाक रूप से कम है। भारत सरकार द्वारा अकुशल मजदूरों के लिए तय न्यूनतम मजदूरी 429 रुपए देने से भी भाग गई है। बिहार के लिए नई मजदूरी दर महज 228 रुपए हैं। मिट्टी काटने और ढोने जैसे कठिन काम के लिए 228 रुपए दैनिक मजदूरी दर पर क्या प्रधानमंत्री मजदूर उपलब्ध करा देंगे? केंद्र सरकार बिहार को मजदूर सप्लाई जोन बनाए रखना चाहती है।

खेग्रामस की बैठक ने दिल्ली में चल रहे मनरेगा मजदूरों के 100 दिनों के धरना का स्वागत किया है और इस धरना में अप्रैल महीना में एक सप्ताह की भागीदारी सुनिश्चित करने का एलान किया है। 17अप्रैल को देश के प्रखंडों पर मनरेगा बचाओ मजदूर बचाओ कार्यक्रम आयोजित होगा और तमिलनाडु में कई जिलों में पदयात्राएं संगठित की जायेंगी। संगठन की बैठक से नारा दिया गया है,दलित आदिवासी और मजदूरों को जगाना है,अंबानी -अदानी की तानाशाह मोदी सरकार को भगाना है।

इस अभियान को जनसंवाद-जन संपर्क के रूप में पूरे देश में चलाया जायेगा। डॉक्टर अंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को गांव पंचायतों में कार्यक्रम होगा, जिसमें संविधान के प्रस्तावना को पढ़ा जायेगा और संगठित हो, शिक्षित हो और संघर्ष करो का नारा बुलंद किया जाएगा। तमिलनाडु,कर्नाटक,आंध्र,ओडिशा,पंजाब,दिल्ली, यूपी,झारखंड,बंगाल, असम,त्रिपुरा,बिहार आदि राज्यों से 65 से ज्यादा नेता भाग ले रहे हैं.