स्टेट डेस्क/ पटना: जाति आधारित गणना पर उठ रहे तरह-तरह के सवालों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग जनगणना नहीं गणना कर रहे हैं, जाति आधारित गणना! जनगणना करने का अधिकार तो केंद्र के पास ही है। जाति आधारित गणना से सबकी आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा।
हर परिवार की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जा रहा है चाहे वे किसी भी जाति के या फिर किसी भी धर्म के हों। मुख्यमंत्री बुधवार को समाधान यात्रा के दौरान मधुबनी के अड़रिया संग्राम में मिथिला हाट का लोकार्पण के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
जाति आधारित गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआइएल दाखिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पीआइएल कोई दाखिल करे, इसका कोई मतलब नहीं है। केंद्र के स्तर पर भी वर्ष 2011 के बाद जाति आधारित जनगणना हुआ लेकिन वो ठीक नहीं हुआ। हम तो चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो लेकिन केंद्र इसके लिए तैयार नहीं हुआ और कहा कि राज्य को अपना करना है तो करें।
हमलोग जनगणना नहीं गणना कर रहे हैं, जाति आधारित गणना। जनगणना करने का अधिकार तो केंद्र के पास ही है। जाति आधारित गणना से सबकी आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, हम हर चीज की जानकारी ले रहे हैं, सर्वे करवा रहे हैं। इससे यह भी पता चलेगा कि बाहर में कितने लोग रह रहे हैं, काम क्या कर रहे हैं। कोरोना के दौरान 20 से 25 लाख लोग यहां आये।
अब ये बात समझ के परे है कि कोई पीआइएल दाखिल कर रहा है। यह काम सबके हित में है। लोगों की गिनती के साथ ही हर परिवार की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जा रहा है चाहे वे किसी भी जाति के हों या फिर किसी भी धर्म के हों। सब के परिवार की आर्थिक स्थिति का हमलोग पता लगवा रहे हैं।
केंद्र के स्तर पर ये काम पहले भी हुआ है लेकिन वो ठीक से नहीं करवा पाये। केंद्र यह काम पूरे देश में करवा चुका है। अलग-अलग राज्यों में भी कुछ हद तक इसे करवाया गया है। लेकिन हमलोग बहुत ही बढ़िया ढंग से यह काम करवा रहे हैं। यहां पर केवल लोगों की गिनती नहीं होगी बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जाएगा।