मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पटना के मराठी परिवार की इस तरह बचाई जान, परिजन बोले- उनमें अब भगवान कृष्ण नजर आ रहे हैं, पढ़ें पूरी खबर

पटना महाराष्ट्र

बीपी डेस्क। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पटना में चार दशकों से रह रहे मराठी परिवार के चार सदस्य शनिवार की रात एक गैस सिलेंडर फटने से बुरी तरह घायल हो गए थे। एकनाथ शिंदे ने इस परिवार के अति गंभीर हालत वाले दो बच्चों को एयर एंबुलेंस से पटना से पुणे मंगवाकर उनका इलाज शुरू करवाया।

इस घटना में पुणे के मूल निवासी अमोल जाधव के परिवार के चार सदस्य आग से बुरी तरह जल गए थे। उनका इलाज तो पटना में शुरू हो गया था, लेकिन उन्हें बेहतर इलाज की जरूरत थी। परिवार ने कई लोगों से मदद के लिए संपर्क किया। इसी बीच उनकी बात सांगली के विधायक अनिल बाबर से हुई। अनिल बाबर के जरिए यह बात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तक पहुंची।

एकनाथ शिंदे और उनके सांसद पुत्र श्रीकांत शिंदे ने पहले नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की, लेकिन वहां से जल्दी कोई मदद नहीं मिलती देख उन्होंने तुरंत शिवसेना की स्वास्थ्य सहायत इकाई के प्रमुख मंगेश चिवटे को आदेश देकर अपनी तरफ से एक एयर एंबुलेंस पटना भेजवाई। यह एंबुलेंस रविवार सुबह पहले एक 11 वर्षीय बालक को लेकर पुणे पहुंची, फिर एक 12 वर्षीय बालक को भी पुणे ले आई।

अब इन दोनों बच्चों का इलाज पुणे के सूर्या सह्याद्रि अस्पताल में हो रहा है। समय पर मिली इस मदद के बाद पीड़ितों के रिश्तेदार कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनसे कोई व्यक्तिगत परिचय नहीं होते हुए भी उनकी इतनी मदद की है कि उन्हें उनमें अब भगवान कृष्ण नजर आ रहे हैं। पूरा परिवार स्वस्थ होने के बाद वे जाकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलेंगे और उन्हें आभार व्यक्त करेंगे।

बता दे कि पटना के बाकरगंज के नागेश्वदर कॉलोनी में अमोल जाधव अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका परिवार 1978 से ही बाकरगंज में रह रहा है। 14 जुलाई की रात पूरा परिवार सोया था। रात के दो बजे अमोल जाधव की पत्नी रोहिणी की नींद खुली और वह वॉशरूम गयी। रोहिणी की नजर किचन में जलती हुई लाइट पर पडी। उन्होंने जैसे ही किचन के लाइट का स्वीच ऑफ किया वैसे ही धमाका हो गया।

किचन में रखा सिलेंडर ब्लास्ट हो गया और तेज धमाका हुआ। इससे घर के खिड़की-दरवाजे सब उड़ गए। आग का तेज लपेटा पूरे घर में फैल गया और अमोल और उनकी पत्नी रोहिणी के साथ ही बेटी लिपिका और बेटा संग्राम गंभीर रूप से झुलस गए। धमाका इतना तेज था कि पूरा मोहल्ला दहल गया।