सात निश्चय- 2 के अंतर्गत बिहार पशु स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु आधारभूत व्यवस्थाओं के संबंध में मुख्यमंत्री ने समीक्षात्मक बैठक की, तेजी से कार्य पूर्ण करने का दिया निर्देश

पटना

प्रत्येक 8-10 पंचायतों पर पशु अस्पताल की स्थापना की योजना बनाई गई है, जिन क्षेत्रों में पशु अस्पतालों की स्थापना नहीं हुई है वहां पशु अस्पतालों के शीघ्र स्थापना हेतु त्वरित कार्रवाई करें।

आवश्यक पशु चिकित्सकों सहित अन्य चिकित्साकर्मियों हेतु पद सृजित कर उनकी शीघ्र बहाली कराएं।

टेली मेडिसीन के माध्यम से पशु अस्पतालों को जोड़कर चिकित्सा परामर्श दिए जाने की व्यवस्था शीघ्र शुरू कराएं। कॉल सेंटर एवं मोबाइल एप्प के माध्यम से इन सुविधाओं को लेकर तेजी से काम करें।

राज्य के सभी जिलों, प्रखण्डों, पंचायतों से लेकर सभी गांवों को डेयरी को-ऑपरेटिव नेटवर्क से जोड़ें।

देशी गार्यों के संरक्षण एवं संवर्द्धन पर विशेष ध्यान दें।

पटना, डेस्क : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में सात निश्चय – 2 के अंतर्गत बिहार पशु स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु आधारभूत व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक की और अधिकारियों को तेजी से कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। बैठक में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ० एन० विजया लक्ष्मी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभाग की अद्यतन कार्य की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने कृषि रोड मैप के अंतर्गत अब तक किए गए कार्य, पशु जनित उत्पाद की प्रति व्यक्ति उपलब्धता और उपलब्धि, बकरी फॉर्म लेयर पॉल्ट्री फॉर्म की स्थापना, देशी गोवंश संरक्षण एवं संवर्द्धन कार्य, दुग्ध उत्पादन सहयोग समितियों की क्रियाशीलता, मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशुओं की सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। टेली मेडिसीन के माध्यम से पशु अस्पतालों को जोड़कर चिकित्सा परामर्श दिए जाने की व्यवस्था शीघ्र शुरू कराएं। कॉल सेंटर एवं मोबाइल एप्प के माध्यम से इन सुविधाओं को लेकर तेजी से काम करें। आवश्यक पशु चिकित्सकों सहित अन्य चिकित्साकर्मियों हेतु पद सृजित कर उनकी शीघ्र बहाली कराएं। प्रत्येक 8-10 पंचायतों पर पशु अस्पताल की स्थापना की योजना बनाई गई है।

जिन क्षेत्रों में पशु अस्पतालों की स्थापना नहीं हुई है वहां पशु अस्पतालों के शीघ्र स्थापना हेतु त्वरित कार्रवाई करें। पशु अस्पतालों में पशुओं के मुफ्त इलाज के साथ ही उनके लिये मुफ्त दवा की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि घोड़परास (नील गाय) के कारण फसलों की क्षति हो रही है। घोड़परास (नील गाय) को खत्म करने की योजना बनाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद से ही हमलोगों ने दुग्ध उत्पादन में वृद्धि को लेकर कई कार्य किये हैं। अब तक तीन कृषि रोड मैप का कार्यान्वयन हो चुका है और चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत की गई है। कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन के कारण राज्य में किसानों की आमदनी बढ़ी है।

दूध, मांस, मछली और अंडा का उत्पादन बढ़ा है, इसे और बढ़ाने के लिए तेजी से काम करें। डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार शुरु से ही प्रयासरत है और इसको लेकर हर तरह का सहयोग कर रही है। राज्य के सभी जिलों, प्रखण्डों एवं पंचायतों से लेकर सभी गांवों को डेयरी को-ऑपरेटिव नेटवर्क से जोड़ें ताकि लोगों को रोजगार भी मिले और उनकी आमदनी भी बढ़े। देशी गायों के नस्ल को बढ़ावा देने की जरुरत है, इस पर विशेष ध्यान दें।

बैठक में वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मो० आफाक आलम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ० एन० विजया लक्ष्मी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, सचिव वित्त (व्यय) श्री लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, निदेशक, पशुपालन श्री नवदीप शुक्ला सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।