पटना, डेस्क : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज तीन दिवसीय बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो-2023 का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर 239.96 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित कॉम्फेड, पटना के पाँच डेयरी संयंत्रों, 172.76 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित कॉम्फेड, पटना के अन्य उपस्करों का उद्घाटन तथा पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, किशनगंज का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कॉम्फेड, पटना के पांच नए उत्पादों मिठाईयाँ, नमकीन, कुकीज, ब्रेड एवं पेयजल (सुधा सलिल) का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार एवं दुग्ध संघों को 10.50 करोड रुपये के लाभांश वितरण से संबंधित चेक प्रदान किया जिसमें राज्य सरकार को 5.76 करोड़ रुपये एवं दुग्ध संघ को 4.74 करोड़ रुपये वितरित किये जायेगे।
बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना के निकट स्थित परिसर में 14.31 करोड़ रुपये की लागत से कॉम्फेड के कार्यालय परिसर में निर्मित होने वाले नए कार्यालय भवन एवं मत्स्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, मीठापुर, पटना में 54.35 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले मत्स्य विकास भवन का शिलान्यास किया। कॉम्फेड के कार्यालय परिसर में 3.57 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होनेवाली सुधा के कैफेटेरिया का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना का पशु पोषण ऐप लॉच किया। मुख्यमंत्री ने बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो-2023 का भ्रमण किया। तीन दिनों तक चलने वाले बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो-2023 में कई राज्यों एवं बिहार के विभिन्न जिलों से लाये गये उन्नत नस्ल के दुधारू मवेशियों/साँढ़ों के विषय में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी।
इस दौरान बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो के प्रांगण में लगाई गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर मुख्यमंत्री ने शुभारंभ कर मुआयना किया। मुख्यमंत्री ने बिहार एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, पटना कैम्पस के प्रस्तावित प्रारूप का अवलोकन किया। कार्यक्रम में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डॉ० एन० विजय लक्ष्मी ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के खेल मैदान में तीन दिनों तक चलने वाले “बिहार डेयरी एंड कैटल एक्स्पो 2023 का आयोजन पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, कॉम्फेड तथा बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस एक्सपो में बिहार के विभिन्न जिलों से प्रगतिशील किसान अपने उन्नत नस्ल के पशुओं के साथ इसमें भाग ले रहे हैं जिससे अन्य किसानों को उन्नत नस्ल के पशुधन के बारे में जागरूकता व प्रोत्साहन मिलेगा।
देशी एवं विदेशी / संकर नस्ल की गायों के लिए दुधारू गायों की प्रतियोगिता आयोजित की गई है जिसमें सर्वाधिक दूध देने वाले गायों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस एक्सपो में किसानों को गुणवत्तापूर्ण पशु आहार बनाने के विषय में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा देश में पशुधन की उचित देखभाल, फार्म प्रबंधन, उत्पाद निर्माण, पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन इत्यादि से संबंधित उपकरणों, दवाओं तथा अन्य सेवाओं की प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है। इसमें लगभग 50 कंपनियों भाग ले रही है।
किसान संगोष्ठी के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, सरकारी उपक्रमों तथा इंडियन कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च एवं कॉम्फेड के विशेषज्ञों द्वारा पशुपालन में नई तकनीकों, संसाधनों व योजनाओं के बारे में वैज्ञानिक/अधिकरियों द्वारा किसानों को जानकारी दी जायेगी। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के चिकित्सक एक्स्पो में पशुओं के स्वास्थ्य की जाँच का कार्य करेंगे जिसमें पशुपालक अपने पशुओं के रक्त / पेशाब व मल के नमूनों की जाँच कराकर उचित उपचार / सलाह प्राप्त कर सकेंगे।
इस एक्सपो में पानीपत, हरियाणा से जाने माने मुर्रा नस्ल के भैंसा “गोलू-2” को लाया गया है जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस भैंसे का सीमन (फॉर आर्टिफीसियल इन्सेमीनेशन) हर साल 15 लाख में बिकता है। पानीपत के पशु मेले में इसकी कीमत 10 करोड. रुपये लगाई गई थी। इस भैंसे के मालिक किसान पद्मश्री नरेंद्र सिंह हैं। ये किसान इस मेले में उन्नत पशुधन के बारे में जानकारी देकर बिहार के किसानों को प्रेरित करेंगे।
इस अवसर पर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मो० आफाक आलम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुल कुलपति डॉ० रामेश्वर सिंह, कॉम्फेड बिहार के प्रबंध निदेशक श्री प्रभाकर, जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारी, पशु विशेषज्ञ एवं बड़ी संख्या में किसान-पशुपालक उपस्थित थे।