DESK : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज अधिवेशन भवन में बिहार लोक सेवा आयोग की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं बिहार लोक सेवा आयोग के 75वें स्थापना दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। बिहार लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अप्रैल, 1949 में हुई थी जिसका मुख्यालय रांची में था लेकिन वर्ष 1951 में इसका मुख्यालय रांची से पटना स्थानांतरित किया गया। बिहार लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष के साथ पहले 10 सदस्य हुआ करते थे लेकिन बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष के साथ सदस्यों की संख्या छह कर दी गई। अभी छह सदस्यों में से तीन ही सदस्य कार्यरत् हैं। 3 सदस्य सेवानिवृत्त हुए हैं जिनका स्थान रिक्त है उन स्थानों पर नए सदस्यों का शीघ्र मनोनयन किया जाए। अगले पांच दिनों के अंदर इस काम को पूरा कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जबसे हमको यहां काम करने का मौका मिला है अनुभवी और रिटायर्ड आई०ए०एस० अधिकारियों को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है। लोक सेवा आयोग में किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है तो सरकार को सूचित कीजिए, ताकि उन कमियों को समय पर पूरा किया जा सके। बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर इन्हें अन्य कार्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है। बिहार लोक सेवा आयोग में स्टाफ की भी कोई कमी न रहे इसका ध्यान रखें। बिहार लोक सेवा आयोग को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो इसका ध्यान रखें। कर्नाटक लोक सेवा आयोग तथा असम लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भी यहां पधारे हुये हैं, यह बहुत खुशी की बात है। मैं सभी का स्वागत करता हूं। बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग, बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग जैसे आयोगों के माध्यम से भी कई कार्य किये जा रहे हैं। आयोग में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होती है इस बात की बहुत खुशी है।
एक बार पेपर लीक का मामला सामने आया तो उस परीक्षा को कैंसिल करवाकर फिर से शीघ्र परीक्षा ली गई थी। उन्होंने कहा कि पिछले 18 वर्षों से विभिन्न पदों पर 24 हजार 301 नियुक्ति की गयी है और 45 हजार 892 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई चल रही है। 40 हजार 506 हेडमास्टर साहब का काम भी तेजी से की जानी चाहिए। राज्य सरकार हर तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करते हैं तो उन्हें एक लाख रुपये तथा बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करते हैं तो उन्हें 50 हजार रुपये की राशि दी जाती है ताकि वे आगे की परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख युवाओं को नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार के लिए हमने कहा है उसके लिए तेजी से काम करें। परीक्षा में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो इसका ध्यान रखिएगा। जिन लोगों को परीक्षा कार्य की जिम्मेवारी मिलती है वे इस बात का ध्यान रखें कि परीक्षा कार्य का संचालन बेहतर और पारदर्शी ढंग से हो। कार्य पूरी ईमानदारी से करें ताकि कोई गड़बड़ी न कर सके। मुख्य परीक्षा पास करनेवाले अभ्यर्थी जो साक्षात्कार में शामिल होते हैं उन अभ्यर्थियों का मूल्यांकन पारदर्शी और बेहतर ढंग से हो ताकि किसी को कोई शिकायत न हो। उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग का यह 75वां साल है इसका और विस्तार हो और जिम्मेदारी सौंपी जाए ताकि और बेहतर ढंग से काम हो सके। बिहार लोक सेवा आयोग को जो भी आवश्यकता है, सरकार इसमें सहयोग करेगी। बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष सहित अन्य गणमान्य लोग भी यहां उपस्थित हैं। बाहर से आए अतिथियों और जो पुराने लोग आए हैं सबका मैं अभिनंदन करता हूं।
कार्यक्रम को वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्यमंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री अतुल प्रसाद, बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य श्री इम्तियाज अहमद करीमी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग की सदस्य श्रीमती दीप्ति कुमारी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न, संविधान की प्रति एवं हरित गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग से संबंधित एक स्मारिका का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, बिहार राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री संजय कुमार, असम लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री भारत भूषण चौधरी, कर्नाटक लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री शंकरप्पा एस० साहूकर, कर्नाटक लोक सेवा आयोग की सदस्य श्रीमती बी० वी० गीता, बिहार लोक सेवा आयोग की सदस्य श्रीमती दीप्ति कुमारी, बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य श्री अरुण कुमार भगत, केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती के अध्यक्ष श्री एस0के0 सिंघल, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार, बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष श्री रविंद्र कुमार, बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री एन0के0 अग्रवाल, बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री के०सी० साहा, बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री आर0के0महाजन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव श्री रविभूषण सहित बिहार लोक सेवा आयोग के अन्य पदाधिकारी, कर्मचारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। सासाराम और बिहारशरीफ की घटना से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा- जो घटना घटी है वो बहुत ही दुःख की बात है और जरूर कोई-न-कोई इसमें गड़बड़ किया है। हमने अधिकारियों को कहा है कि पता करें कि किसने गड़बड़ किया है ? जैसे ही इसके बारे में पता चला तत्काल इसको कंट्रोल किया गया। हमने अधिकारियों से कहा है कि गड़बड़ करनेवालों का पता लगाएं और उसपर कड़ी कार्रवाई करें। उन सबके बारे में ठीक से जानकारी लें और जांच करें। पहले इस तरह की घटनाएं नहीं होती थी। मुझे इस तरह की घटना से बहुत तकलीफ हुआ है। जैसे ही पता चला एक एक चीज के लिए अलर्ट कर दिया गया। आरोपियों पर एक्शन लिया जाएगा। कोई जानबूझकर इस तरह का काम कर रहा है। सरकार पूरे तौर पर एक-एक चीज के लिए अलर्ट है। अधिकारियों को जांच में लगाया गया है कि वे पूरे तौर पर इस मामले को देखें।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के सासाराम में आयोजित कार्यक्रम के रद्द होने से संबंधित प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उसके बारे में मुझे नहीं पता है बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पर भाजपा द्वारा उठाए जा रहे सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी केंद्र के मंत्री आते हैं तो उन्हें सुरक्षा दी जाती है। राज्य सरकार की जो जिम्मेवारी है सब पूरी की जाती है। हमलोग सबलोगों का ध्यान रखते हैं वो लोग ध्यान रखें ना रखें। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह किसलिए आ रहे थे वे जानें, क्यों नहीं आ रहे हैं वे जानें। लेकिन राज्य सरकार की तरफ से हर तरह की सुरक्षा दी जाती है। बिहार में कानून व्यवस्था ठीक है। कानून व्यवस्था की कोई दिक्कत नहीं है, सरकार पूरी तरह अलर्ट है।