- बतायें कि कैबिनेट की कई बैठकों के बाद 10 लाख नौकरी का क्या हुआ?
- कितने रिक्त पद भरे, कितनों की नौकरी स्थायी की गई ?
- संविदा पर बहाली खत्म करने का वादा तोड़ा, संविदा पर ही 1 साल के लिए अमीन बहाली की पहल शुरू की
- जो सरकार दो माह से शिक्षकों को वेतन नहीं दे पायी, वह नई नौकरी क्या देगी?
Patna,Desk: पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के समय जिन नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, उन्हीं के नियुक्ति पत्र बांट कर नीतीश कुमार युवाओं को धोखा दे रहे हैं, जबकि महागठबंधन सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था।
श्री मोदी ने कहा कि अब तक कैबिनेट की दो दर्जन से ज्यादा बैठकें हो चुकीं, लेकिन 10 लाख स्थायी नौकरी का कहीं अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि 4.5 लाख रिक्त पद भरने और 5.5 लाख नए पदों पर नौकरी देने की जो बात बार-बार प्रचारित की गई, उसका क्या हुआ? सरकार बताये कि कितने रिक्त पद भरे गए और कितनी नई नियुक्तियां हुईं?
श्री मोदी ने कहा कि महागठबंधन ने संविदा पर बहाली बंद करने और पहले से संविदा पर बहाल लोगों की नौकरी स्थायी करने का वादा किया था, जबकि किसी की नौकरी स्थायी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जब संविदा पर नियुक्ति नहीं करनी थी, तब अमीन और कानूनगो के पद पर 10 हजार लोगों को संविदा पर मात्र एक साल के लिए नियुक्त करने की प्रक्रिया कैसे शुरू की गई? एक साल बाद इनका क्या होगा?
श्री मोदी ने कहा कि जो सरकार 4 लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को 2 माह से वेतन नहीं दे पा रही है और विश्वविद्यालय शिक्षकों को महीनों से वेतन-पेंशन का इंतजार करना पड़ रहा है, वह सरकार 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी कैसे दे पाएगी? उन्होंने कहा कि नियुक्ति पत्र बांटने की नौटंकी करने से ज्यादा जरूरी है शिक्षकों को वेतन देना, ताकि वे दीवाली और छठ जैसे महापर्व मना सकें।