पटना, बीपी डेस्क। बिहार में बेटियों की टैलेंट की कमी नहीं है , मामला राजधानी पटना की दो ऐसी बहने जिन्होंने वह टैलेंट कर दिखाया जिसके लिए लोगों को महीने प्रैक्टिस में लग जाते हैं। राजधानी पटना के दानापुर में 11 वर्ष की अक्षिता दीवारों पर और घर की पाया पर इस कदर चढ़ती हैं जैसे छिपकली बिना किसी सहारे के पाया पर रेंगती और दौड़ती हैं।
अक्षिता ने घर के 12 फीट की पाया पर जो पाया मार्बल ग्रेनाइट से इस कदर चिकना की उस पर हाथ ठहरना भी मुश्किल लेकिन अक्षिता और उनकी बहन कृपिता उस पाया पर बिना किसी सहारे के धड़ाधड़ चढ़ जाती हैं। आज मैं आपको ऐसी ही बच्ची के टैलेंट के बारे में दिखाना चाहता हूं जिसे देख कर हर किसी ने अपनी दांतो के तले उंगलियां दबा ली है।
आप भी देखें इस के टैलेंट को अक्षिता जिसकी उम्र अभी मात्र 11 वर्ष की है और पटना के संत करेंस स्कूल के क्लास सातवीं की छात्रा जिन्होंने बिना किसी प्रशिक्षण के चिकने दीवाल पर चढ़ना सीख लिया । अक्षिता बताती हैं कि उन्होंने घर में जब उनके माता-पिता नहीं थे तो अचानक दीवाल पर चढ़ने की कोशिश की और फिर उस पर तेजी से चलना शुरू कर दिया।
जब मां पिता ने उनके इन दृश्य को देखा तो वह भी आश्चर्यचकित रह गए । पहले तो उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसा करने से मना किया । उन्हें यह बताया कि अगर गिर गई तो यह तुम्हारे लिए काफी जोखिम भरा काम होगा । लेकिन अक्षिता ने अपना रिहर्सल मां और पिता के अनुपस्थिति में जारी रखा और आज वह घर के दीवारों की पाया पर इस कदर चढ़ती हैं जैसे छिपकली दीवारों पर रेंगती है।
उनके पिता अजीत कुमार गुप्ता का यह मानना है कि उन्हें उनकी बेटियों के इस टैलेंट पर काफी गर्व है और वे चाहते हैं आगे चलकर उनकी बेटियां यह 12 फीट नहीं बल्कि हिमालय की सेट करो फिट ऊंची चोटियों पर बिहार का परचम लहराए । अक्षिता की छोटी बहन कृपिता की उम्र अभी मात्र 9 बरस है और वह संत करेंस स्कूल के फोर्थ क्लास की छात्रा है।
इतनी छोटी उम्र में अक्षिता की बहन ने दीवारों पर चढ़ना तो सीख लिया है इतना ही नहीं शिव स्तुति भी जुबानी कंठस्थ याद कर रखा है। आइए यह शिव स्तुति की कहानी कृपिता बताती हैं बचपन में जब मां को पूजा के घर में शिव स्तुति पढ़ते दिखती थी तो वह उनकी पूजा से सुनकर पूरी तरह कंठस्थ याद कर लिया। जिस श्लोक को शुद्ध शुद्ध पढ़ने में अच्छे अच्छों की बोलती बंद हो जाती वह शिव श्लोक को कपिता बखूबी इस कदर पड़ती हैं जैसे इन्होंने इसे याद करने के लिए वर्षों समय गुजारा है।
मां संगीता गुप्ता का यह मानना है कि बचपन से ही उनकी दोनों बेटियां काफी टैलेंटेड रही है इन्हें कभी-कभी तो इस बात का डर भी लगता था कि ग्रेनाइट के दीवार पर चढ़ने में कहीं वो गिर ना जाए लेकिन आज वे अपनी बेटियों पर गर्व करती हैं और बताती हैं कि 1 दिन उनकी बेटियां हिमालय पर्वत की चोटियों पर भी चलेगी ।
बाइट 1 :- अक्षिता , स्पाइडर मैन की तरह चढ़ने वाली बच्ची ।
बाइट 2 :- कृपिता , शिव स्तुति पढ़ने वाली बच्ची ।
बाइट 3 :- अजित कुमार गुप्ता , दोनों बच्ची के पिता ।
बाइट 4 :- संगीता गुप्ता , दोनों बच्ची की माँ ।