कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे पटना, बोले- ये हमारे घर का मामला है

पटना

DESK : कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के सिलसिले में आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे आज पटना आ पहुंचे हैं। खगड़े यहां अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करेंगे। पटना से बिहार भर के कांग्रेस नेताओं से समर्थन मांगेंगे। एयरपोर्ट पर खगड़े का कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़े से स्वागत किया गया। पटना एयरपोर्ट पर वो 7:30 में पहुंचे। यहां से वो गेस्ट हाउस जाएंगे फिर कांग्रेस प्रदेश कार्यालय जाएंगे। यहीं पर वो प्रेस से बात करेंगे। फिर खड़गे 3 बजे पटना से वापस चले जाएंगे।

इसी सिलसिले में कल ही मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव प्रभारी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी भी पटना पहुंचे थे। प्रमोद तिवारी ने पटना में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मलिकार्जुन खड़गे के पक्ष में जनसंपर्क किया। नेताओं से मिले, इस चुनाव के कांग्रेस पार्टी के वोटर्स से मिले और खड़गे के पक्ष में वोट करने की अपील की।

मल्लिकार्जुन खड़गे के पटना आने और उनके कार्यक्रम की जानकारी कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे ने दी और कहा मल्लिकार्जुन खड़गे अपने बिहार आगमन पर मतदाता, डेलिगेट और विधायक सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन से मुलाकात करेंगे। खड़गे बिहार में अपने पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे। श्री दुबे ने कहा जगजीवन राम के बाद अनुसूचित जाति वर्ग से कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलना तय है।

मलिकार्जुन खरगे पटना 7:30 में पहुंचें। इसके बाद खड़गे सीधे स्टेट गेस्ट हाउस जाएंगे। यहां वो कुछ खास नेताओं से भी मिल सकते है। इसके बाद वो सीधे 11:00 बजे कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे।खड़गे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस पदाधिकारी और नेताओं से जो मतदान करेंगे उनसे मुलाकात कर उनसे वोट मांगेंगे। दिन के 1:00 बजे मलिकार्जुन खरगे प्रेस से बात करेंगे। फिर 3:00 बजे खड़गे पटना से रवाना हो जाएंगे।

कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ये संगठन का चुनाव है, हमारे घर का मामला है। हर कोई किसी को भी वोट देने के लिए स्वतंत्र है। लोगों ने मेरा समर्थन किया और मैं उम्मीदवार हूं। कांग्रेस जैसा विशाल संगठन चलाने के लिए गांधी परिवार का मार्गदर्शन चाहिए। अगर कोई कहता है कि उन्हें छोड़कर पार्टी को चलाया जा सकता है तो यह असंभव है।