बिहार में कांग्रेस की नौकरी दो यात्रा, कन्हैया कुमार के नेतृत्व में 20 जिलों का दौरा

पटना

अशोक “अश्क” बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने युवा और छात्र वोटरों को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है। पार्टी की युवा और छात्र इकाई 16 मार्च से 14 अप्रैल तक बिहार को नौकरी दो यात्रा निकालने जा रही है। इस यात्रा का नेतृत्व एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार कर सकते हैं। यात्रा की शुरुआत पूर्वी चंपारण के गांधी आश्रम से होगी और इसका समापन पटना में होगा।

इस दौरान यात्रा करीब 400-500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 20 जिलों से गुजरेगी। कांग्रेस इस अभियान के जरिए बेरोजगारी, बीपीएससी पेपर लीक और बिहार से युवाओं के पलायन जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है। पार्टी का मकसद इन मुद्दों के जरिए युवाओं को कांग्रेस से जोड़ना और सरकार को घेरना है।

यात्रा की आधिकारिक घोषणा से पहले 12 मार्च को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बिहार के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में यात्रा को औपचारिक मंजूरी देने के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की रणनीति और आरजेडी के साथ सीट बंटवारे पर भी चर्चा हो सकती है। कन्हैया कुमार की इस यात्रा में अहम भूमिका होने के कारण इसे उनकी बिहार की राजनीति में वापसी के तौर पर देखा जा रहा है।

पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि कन्हैया दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रहेंगे, लेकिन अब वे बिहार में अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस उन्हें बिहार में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। कन्हैया कुमार सोमवार को पटना आ रहे हैं। इसे लेकर एक पोस्टर भी जारी किया गया है, जिसमें लिखा है, बिहार की उम्मीद, कन्हैया कुमार का हार्दिक स्वागत।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस ने बिहार में अपनी सक्रियता तेज कर दी है। राहुल गांधी पिछले दो महीने में दो बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी कृष्णा अलावरू और महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा भी लगातार बिहार में सक्रिय हैं। कांग्रेस की यह यात्रा न सिर्फ पार्टी के लिए चुनावी जमीन तैयार करेगी, बल्कि विपक्षी दलों की रणनीति पर भी असर डाल सकती है।