State Desk, Patna: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों पर आयकर विभाग की छापेमारी की सख्त निंदा की है। इसे प्रेस की आजादी पर कुठारघात बताया है। भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि मोदी सरकार अपनी साम्प्रदायिक-फासीवादी नीतियों की आलोचना और उसे उजागर करने वाले हर व्यक्ति पर हमला करने के लिए पहले से हीं कुख्यात है। बीबीसी द्वारा हाल हीं में ‘द मोदी क्वेश्चन‘ नामक वृत्तचित्र के प्रसारण से मोदी सरकार बौखला गयी है। वृत्तचित्र का विश्वविद्यालयों और अन्य जगहों पर प्रसारण रोक दिया। अब मोदी सरकार ने एक विदेशी टेलीकास्ट कंपनी को डराने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया है।
इस कदम से देश की छवि खराब हुई है, जहां तक मीडिया की आजादी का सवाल है, उसे पहले ही नुकसान हो चुका है। ये छापे स्पष्ट करते हैं कि देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। सरकार ने पहले बीबीसी की डाॅक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित किया । अब उसके दफ्तरों पर छापेमारी कर रही है, दूसरी ओर जिस अडानी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनके यहां छापेमारी करने की बजाए केंद्र सरकार उन्हें बचाने में लगी हुयी है।
मोदी सरकार ने पहले दैनिक भास्कर, फिर न्यूज लौंड्री और अब बीबीसी के दफ्तरों पर छापा मार कर लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ को ध्वस्त करने में लगी हुई है। जो यह प्रमाणित करता है कि लोकतंत्र में उनकी आस्था नहीं बची है। मोदी सरकार की यह कार्रवाई अघोषित आपातकाल जैसी है। भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि मोदी सरकार पूरी तरह तानाशाही पर उतर गई है, जो उसकी नीतियों का विरोध करते हैं, उसे अपनी एजेन्सी ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई आदि केन्द्रीय संस्थाओं द्वारा डराने की कोशिश की जाती है। यह सरकार इन्ही केंद्रीय संस्थाओं के बल पर चल रही है। मोदी सरकार सभी संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने पर तुली हुई है।