पटना, अशोक “अश्क” प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं का महाकुंभ जाने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण ट्रेनों में भीषण भीड़ देखी जा रही है। इस बार यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे रेलवे को भी अपनी व्यवस्थाओं को संभालना मुश्किल हो गया है। मंगलवार को 12367 भागलपुर-आनंद विहार विक्रमशिला एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे करीब 2000 श्रद्धालुओं ने ट्रेन में चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की की, और ऐसा हाल तब हुआ जब ट्रेन पटना जंक्शन पर प्लेटफॉर्म नंबर चार पर पहुंची।

इस घटना में कई यात्री अपनी आरक्षित सीट पर बैठने में भी असमर्थ रहे। रेलवे का कहना है कि माघ पूर्णिमा स्नान के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। मंगलवार को हावड़ा से रामनगर जाने वाली विभूति एक्सप्रेस, संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस, तेजस राजधानी एक्सप्रेस, विक्रमशिला एक्सप्रेस और पटना-प्रयागराज स्पेशल कुंभ एक्सप्रेस में भी भारी भीड़ उमड़ी।
भीड़ इतनी अधिक थी कि सुबह पांच बजे विभूति एक्सप्रेस में चढ़ने को लेकर यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की हुई और चेन पुलिंग भी की गई। पटना जंक्शन पर स्थित अन्य ट्रेनों जैसे विक्रमशिला और संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस में भी यात्रियों ने अपनी सीटों के लिए संघर्ष किया। ट्रेन में स्लीपर से लेकर वातानुकूलित बोगियों तक यात्रियों ने अव्यवस्था का सामना किया। मगध और पूर्वा एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म पर स्थिति और भी जटिल हो गई।
दोनों ट्रेनों में रेलवे के सुरक्षा इंतजाम नाकाफी रहे, जिससे बिना टिकट वाले यात्री बिना किसी रोक-टोक के यात्रा करते दिखे। रेलवे सुरक्षा बल ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन बोगी में कब्जा करने वाले यात्रियों को नियंत्रित करने में वे पूरी तरह असहाय नजर आए। पटना जंक्शन से ट्रेनों के खुलने के बाद भी यात्रियों का संघर्ष जारी रहा। कई यात्रियों ने अपनी आरक्षित सीटों पर कब्जा करने वाले यात्रियों के खिलाफ शिकायतें की, लेकिन आरपीएफ ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
ऐसी स्थिति में यात्रियों को ना केवल अपनी आरक्षित सीट पर बैठने में कठिनाई हो रही थी, बल्कि कई लोग तो ट्रेन छूटने के कारण परेशान थे। भीड़ के बीच कई महिला और बच्चे भी फंसे थे, और उन्हें मदद के लिए किसी का इंतजार था। रेलवे के सिस्टम में खामियों की वजह से यात्री असंतुष्ट थे।
यात्री और रेलवे के अधिकारी दोनों इस स्थिति से दुखी हैं, रेलवे की व्यवस्था में सुधार की जरूरत है, खासकर ऐसे समय में जब महाकुंभ जैसी बड़ी धार्मिक आयोजन हो रहा हो। आरक्षित सीटों पर यात्रियों के कब्जे की स्थिति को देखते हुए, यह जरूरी है कि रेलवे अपनी बोगी और ट्रेन की व्यवस्था में सुधार लाए और बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों पर कड़ी कार्रवाई करे।