Vikrant : बिहार कृशि विष्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के अन्तर्गत अनुसंधान निदेषालय की अखिल भारतीय समन्वित खरपतवार नियंत्रण अनुसंधान परियोजना के तहत XVIIIth गाजर घास सप्ताह का आयोजन 16 से 22 अगस्त, 2023 तक बिहार कृशि महाविद्यालय में किया गया।
इनके अन्तर्गत 20 अगस्त, 2023 को कन्या मध्य विद्यालय, विष्वविद्यालय कैम्पस ,सबौर में मनाया गया और विद्यालय के छात्र-छात्राओं में गाजर घास के हानि के बारे में जानकारी दिया गया एवं 21 अगस्त, 2023 का कार्यक्रम का मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय, सबौर का प्रचार्य, डा0 एस0 एन0 राय थे।
उन्होंनें अपने उद्बोधन में बताया कि गाजर घास एक अत्यंत ही हानिकारक पादप है। यह पौधा पूर्व में हमारे देष में नहीं था परन्तु विगत कुछ हाल के वर्शो से देखा जा रहा है कि इसका फैलाव बहुत तेजी से हो रहा है। जो कि एक बहुत ही गंभीर समस्या बनती जा रही है।
यह घास पर्यावरण के सभी घटकों को हानि पहुंचता है। अतः इसका प्रभावी नियंत्रण बिना जनजागृति एवं जनभागिदारी के संभव नहीं हो सकता है। अतः हम सभी जनों का कर्तव्य बनता है कि हम सभी मिल कर जनसाधारण को जागरूक बनायें। इस कार्यक्रम में सस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा0 एस0 के0 पाठक भी अपना अनुभव साझा किया।
उन्होंनें कहा कि गाजर घास आज के समय में बहुत तेजी से कृशि को प्रभावित कर रहा है। इसके नियंत्रण हेतु बहुत अधिक मात्रा में व्यय महंगे षाकनाषी व श्रम के रूप में करना पड़ता है जो कि किसान के लिये उपर्युक्त नहीं है। अतः आज के परिवेष में इसको जनजागरूकता फैलाना बहुत ही आवष्यक है।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय समन्वित खपतवार नियंत्रण अनुसंधान परियोजना के प्रभारी डा0 बीरेन्द्र कुमार ने गाजर घास के हानिकारक प्रभावी (एलर्जी, त्वचा रोग, ष्वास संबंधी रोग) का विस्तृत वर्णन किया। कार्यक्रम में विभाग के सभी वैज्ञानिक गण एवं गैेर षैक्षणिक कर्मचारी गण एवं बिहार कृशि महाविद्यालय के लगभग एक सौ (100) छात्र-छात्राऐं अपनी उपस्थिति दर्ज कराई एवं गाजर घास के उन्मूलन में हिस्सा लिया तथा गाजर घास के होने वाली क्षति के बारे में जानकारी एकत्रित की।
इस मौके पर विष्वविद्यालय के पी0आर0ओ0 डा0 राजेष कुमार,ं डा0 राकेष देव रंजन एवं डा0 षम्भु प्रसाद की उपस्थिति सहराणीय रही। इस तरह का कार्यक्रम विष्वविद्यालय के अधीन सभी कृशि विज्ञान केन्द्र में एक सप्ताह से किया जा रहा है। अंत में डा0 एस0 के0 चैधरी खरपतवार वैज्ञानिक के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करके कार्यक्रम समाप्ति की घोशणा की गयी।