द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना जेपी की इच्छा की पूर्ति : डॉ संजय जायसवाल

पटना

-मुर्मू का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार होना अपने ही राज्य की बहन के उम्मीदवार जैसा : डॉ जायसवाल

पटना, बीपी प्रतिनिधि। एनडीए समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को पटना पहुंची। एनडीए नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मुर्मू का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मां जानकी, भगवान महावीर, गुरु गोविंद सिंह जी की जन्म स्थली, भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली एवं महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण जी की कर्म स्थली में एनडीए समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू जी का इस एनडीए की बैठक में मैं हार्दिक स्वागत और अभिनंदन करता हूं।

उन्होंने कहा कि बिहार , झारखंड एवं उड़ीसा एक शताब्दी से भी कम समय पहले तक बिहार और उड़ीसा प्रोविंस के हिस्से थे। आपका राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार होना अपने ही राज्य की बहन के उम्मीदवार होने जैसा है। उन्होंने जे पी को याद करते हुए कहा जयप्रकाश नारायण ने सामने के गांधी मैदान से कहा था कि जिस दिन एक गरीब का बेटा देश के सर्वोच्च कुर्सी पर बैठेगा उसी दिन संपूर्ण क्रांति सफल होगी।

आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रामनाथ कोविंद और अब आपका 25 जुलाई को राष्ट्रपति बनना जयप्रकाश नारायण की उसी इच्छा की पूर्ति है। उड़ीसा जैसे पिछड़े प्रदेश के मयूरभंज आदिवासी इलाके की नगर पालिका के पार्षद के रूप में आपने अपना राजनीतिक जीवन की शुरुआत किया था। एक शिक्षक, विधायक, उड़ीसा सरकार में मंत्री और झारखंड के राज्यपाल के रूप में आपका जीवन सभी के लिए आदर्श है।

2007 में उड़ीसा की सर्वश्रेष्ठ विधायक होने का नीलकंठ पुरस्कार एवं राज्यपाल का दायित्व पूर्ण होने के पश्चात पुनः अपने गृह जिले के कस्बे में वापस लौट जाना राज्यपाल पद के गरिमा को सही अर्थों में सम्मान देता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रपति के तौर पर आपका चयन न सिर्फ भारतीय लोकतंत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है बल्कि एनडीए विचारधारा के लिए भी यह एक बहुत बड़ी जीत है। आज जब देश की राजनीति में परिवारवाद के अतिवाद के लक्षण और गहरे हो रहे हैं तब आपका चयन देश के इतिहास में एक नया आयाम गढ़ेगा।

भाजपा नेता ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने एनडीए के तीनों राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एपीजे अब्दुल कलाम, रामनाथ कोविंद और अब भारत की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सदैव बिहार को गौरवान्वित करने का कार्य किया है। डॉ जायसवाल ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है। यही वैशाली में प्रथम गणराज्य की स्थापना हुई थी। यह लोकतंत्र की गरिमा है कि बेहद साधारण परिवेश में विकसित हुआ एक भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता आज देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान होने जा रहा है। आप की उम्मीदवारी से बिहार के जनमानस में हर्ष है।

उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मुर्मू जी को विश्वास दिलाते हुए कहा कि सामाजिक न्याय की यह धरती पूर्णरूप से आपके साथ है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि बिहार का हर एक जन और हर एक दल आजादी के इस अमृत महोत्सव में देश के सर्वोच्च पद पर पहली बार एक संथाल आदिवासी महिला को देख गौरवान्वित होगा। आप इतने मतों से जीतेंगी कि राष्ट्रपति चुनाव में एक नया इतिहास बनेगा। एक आदिवासी समाज से आने वाली महिला जिसने जीवन में इतनी भीषण संघर्षों को जिया हो उसे देश का कोई व्यक्ति नकार ही नहीं सकता है।

उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी के राजनीतिक अधिष्ठान के हम प्रतिबिम्ब हैं और यही एक मार्ग है जिस पर चलकर बिहार के विभिन्न दलों और सरकारों ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के विकास की पटकथा लिखी है। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को हर गरीब के घर में दिवाली मनेगी, क्योंकि उस दिन उनके घर की बेटी राष्ट्रपति बनेगी। इन्हीं शब्दों के साथ में पुनः आपको बिहार की धरती पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं।