मोदी सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर वाहन चालकों ने नए साल की उत्साहजनक शुरुआत की

पटना

पटना, डेस्क। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि नये मोटर वाहन अधिनियम के खिलाफ पूरे देश में वाहन चालकों ने अपने ऐतिहासिक संघर्ष के जरिए तानाशाह मोदी सरकार को पीछे हटने के लिए मजबूर करके नये साल मे तानाशाही के खिलाफ जन संघर्षों की उत्साह जनक शुरुआत की है. इस जीत पर भाकपा- माले देश के तमाम वाहन चालकों को बधाई देती है. हमारी पार्टी उनके संघर्षों के साथ कदम दर कदम खड़ी है।

मोदी शासन में किसान-मजदूर विरोधी कृषि और श्रम कानूनों के बाद, इंडियन पीनल कोड में जो बदलाव किए गए हैं, वे भारत की मौजूदा स्वतंत्रता और जनता के अधिकारों के लिए अब तक के सबसे घातक खतरों का प्रतिनिधित्व करती हैं. इंडियन पीनल कोड में किया गया संशोधन पुलिस को असीमित अधिकार देता है और जनता के अधिकारों का हनन करने वाला है।

इसी के तहत मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव करके एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान कर दिया गया है. देशव्यापी प्रदर्शनों के बाद सरकार पीछे हटी है, लेकिन उसके द्वारा कानूनों को और ज्यादा दमनकारी बनाने के खिलाफ़ हमें 2024 मे और मजबूत एकता के साथ निर्णायक जंग में उतरना होगा.

देश मे बढ़ते सड़क हादसे के लिए केवल ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराना एकदम से अन्याय है. एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर हादसे सड़क की गलत डिजाइनिंग के चलते होती हैं. सरकार अपनी जिम्मेवारी से भाग रही है और वाहन चालकों पर नकेल कसना चाहती है। यह जानकारी माले के मीडिया प्रभारी कुमार परवेज ने दी है।