ऊर्जा सचिव ने कहा, आंधी से क्षतिग्रस्त बिजली संरचना की बहाली के लिए “इमरजेंसी रेस्टोरेशन प्लान” करें तैयार!

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : बीते दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तेज आंधी और बारिश के कारण विद्युत आपूर्ति संरचना को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे कई जिलों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। इस संबंध में ऊर्जा सचिव सह सीएमडी बीएसपीएचसीएल ने एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।

बैठक में साउथ व नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, महाप्रबंधक (राजस्व), मुख्यालय के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं फील्ड स्तर से अधीक्षण अभियंता तथा कार्यपालक अभियंता वर्चुअली शामिल हुए।

सीएमडी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि तेजी से बाधित बिजली की बहाली हेतु “इमरजेंसी रेस्टोरेशन प्लान” तैयार किया जाए, जिसके अंतर्गत प्रत्येक फीडर के बहाली में लगने वाले औसत समय एवं प्रशिक्षित कुशल मानव बल की उपलब्धता हेतु एजेंसियों का इंपैनलमेंट सुनिश्चित की जाए।

इसके लिए विस्तृत एसओपी/गाइडलाइंस जल्द ही मुख्यालय द्वारा जारी किए जाएंगे। ऊर्जा सचिव ने इन सभी की नियमित मॉनिटरिंग करने की बात कही। साथ ही उन्होंने इमरजेंसी के लिए जरूरी सामान जैसे ट्रांसफॉर्मर, पोल, तार आदि प्रचुर मात्रा में रखने की सलाह दी। साथ ही रेस्टोरेशन कार्यों की अद्यतन स्थिति की निगरानी मुख्यालय स्तर से संबंधित निदेशकों (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) को करने को कहा।

ऊर्जा सचिव ने उन सभी जगहों पर जहां लाइटनिंग/आकाशीय बिजली की समस्या ज्यादा है, वहां पोर्सिलेन इंसुलेटर की जगह पॉलिमर इंसुलेटर लगवाने हेतु निर्देश दिए। इसके लिए सर्वेक्षण कर परियोजना बनाने के लिए कहा।

पाल ने सभी 33/132/133 केवी पावरसबस्टेशनों के लिए शटडाउन या आकस्मिक परिस्थिति में वैकल्पिक स्रोतों से बिजली आपूर्ति करने की व्यवस्था करने हेतु निर्देश दिए।

सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के निर्बाध आपूर्ति करने के लिए विद्युत संरचना के अवरोधों की सूची तैयार करें, और बताएं कि किस प्रकार का सहयोग आवश्यक है। इसके साथ ही, संरचना में सुधार के लिए अपेक्षित लागत सहित एक परियोजना प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को अनुमोदन हेतु भेजें।

ऊर्जा सचिव ने यह भी कहा कि रेस्टोरेशन और अपग्रेडेशन दोनों ही कार्यों को प्राथमिकता के साथ निष्पादित किया जाए, ताकि भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से न्यूनतम क्षति हो और विद्युत आपूर्ति शीघ्र सुचारू हो सके।