स्टेट डेस्क/पटना: आर्थिक अपराध इकाई ने सिपाही भर्ती परीक्षा -2023 का पेपर लीक करने वाले गिरोह के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है. जिसमें गिरोह के सरगना संजीव मुखिया के बेटे डा शिव उर्फ बिट्टु , उसके मुख्य सहयोगी अश्विनी रंजन उर्फ सोनू,विक्की कुमार, अभिषेक और प्रिंटिंग प्रेस के मालिक पर आरोप प्रमाणित किये गये हैं।
आरोप पत्र में प्रेस के उन कर्मचारियों के भी नाम हैं जिन्होंने प्रश्न पत्र की हेराफेरी की। लेकिन इस मामले चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी एक बड़ा सवाल खड़ा है कि चयन पर्षद के चेयरमैन बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल की भूमिका की जांच क्यों नहीं हुई।
क्योंकि प्रश्न पत्र छापने वाली जिस कंपनी को आर्थिक अपराध इकाई फर्जी बता रही हैं,उस कंपनी से प्रश्न पत्र की छपाई का करार तो सिंघल ने ही किया था। यह फर्जी कंपनी उत्तर प्रदेश में पहले से ब्लैकलिस्टेड थी। अचरज की बात यह है कि सरकार ने सिंघल को चयन पर्षद से हटाकर सरकारी बिजली कंपनी BSPHCL में नियुक्त कर दिया!
आर्थिक अपराध इकाई के डीआइजी की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि इस मामले में (थाना काण्ड सं0-16/2023 में ) 16 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उन सभी के खिलाफ अनुसंधान पूरा होने के बाद ( धारा-420/467/468/120 (B) भा०द०वि० एवं 66 आई०टी० एक्ट 2000 के अंतर्गत) आरोप पत्र (सं0-18/2024, दिनांक-22.08.2024 ) समर्पित किया गया है।
मालूम हो कि केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती), बिहार की ओर से 01.10.2023 को दो पालियों में आयोजित की गयी सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र निर्धारित अवधि से कई घंटे पूर्व हीं विभिन्न Social Media Platforms पर वायरल हो गया था। फलस्वरूप परीक्षा रद्द कर दी गयी थी।
आर्थिक अपराध इकाई ने E-MAIL ID एवं व्हाट्सएप नम्बर जारी कर लोगों से सूचनाएं मांगी थी। जिसके माध्यम से आम नागरिकों ने परीक्षा में हुई धांधली से संबंधित कई प्रकार की सूचनाएं दी। प्राप्त सूचनाओं के आधार पर अपर पुलिस महानिदेशक, आर्थिक अपराध इकाई के निर्देश पर मामला (आर्थिक अपराध थाना कांड स0-16/2023 ) दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया।
अनुसंधान के क्रम में पता चला कि सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग एवं पैकिंग का काम जिस कम्पनी को दिया था , उसका पंजीकृत कार्यालय मात्र एक कमरे में चल रहा था एवं कम्पनी के द्वारा प्रश्न पत्रों की छपाई का काम अवैध रूप से किसी अन्य कम्पनी से कराया गया था।
अनुसंधान के क्रम में यह भी पता चला कि प्रश्न पत्रों को ट्रांसपोर्ट करने वाली गाड़ियां जिला कोषागारों में जाने के क्रम में कई जगह रुकते हुए पहुंची थी । पटना स्थित वेयर हाउस से जिन लॉजिस्टिक कंपनियों के वाहनों में प्रश्न पत्र मोतिहारी भेजा गया था उन दोनों कंपनियों के मुंशी स्वयं भी सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी थे।
प्रश्न पत्र मोतिहारी जिला ले जाने वाली गाड़ी पटना स्थित Warehouse में लोड होने के बाद लगभग 6 घंटे से ज्यादा समय तक पटना में रुकी थी, जहां संजीव मुखिया गिरोह के सदस्यों ने Zenith Logistic and Express Pvt. Ltd. के मुंशी रमेश कुमार एवं राहुल पासवान के साथ षड़यंत्र करके प्रश्न पत्र निकाल लिया।
इन लोगों ने नौकरी एवं पैसों का प्रलोभन देकर मोतिहारी जिला ले जाने वाली गाड़ी के बक्सों एवं इनवेलप को खोल कर परीक्षा से चार दिन पूर्व ही प्रश्न पत्रों को प्राप्त कर लिया था। प्रश्न पत्रों को सॉल्व करवाकर अभ्यर्थियों से पैसा लेकर इनकी उत्तर कुंजियां उपलब्ध करवा दी गयी थी। ये उत्तर कुंजियां परीक्षा के दिन विभिन्न Social Media Platforms पर वायरल हो गयी।
सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र प्रिंटिंग करने वाली एजेंसी और उसको इस कार्य में कच्ची सामग्री देने वाली कम्पनियों की रेकी करने के उद्देश्य से संजीव मुखिया अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ कोलकता में 10 दिन पूर्व से ही टिका हुआ था। वहां उन लोगों ने प्रिंटिंग प्रेस को प्रश्न पत्र का पैकिंग मटेरियल, लॉक आदि सप्लाई करने वाली कंपनी, प्रश्न पत्र का परिवहन करने वाली कंपनी आदि की विवरणी प्राप्त की।
डीआइजी ने बताया है कि परीक्षा से जुड़े कदाचार / प्रश्न-पत्र लीक मामलों में इस काण्ड में शामिल अभियुक्त संगठित अपराध करते हैं। पूर्व में भी प्रतियोगिता परीक्षा से जुड़े प्रश्न-पत्र लीक आदि मामलों में इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल है।