बिहार के जल स्रोतों और भौगोलिक स्थिति का उपयोग कर हम नवीकरणीय ऊर्जा में एक नई क्रांति ला सकते हैं।
बिहार बिजनेस कनेक्टः नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 90,734 करोड़ रुपये के समझौते और फ्लोटिंग सोलर एवं पंप स्टोरेज परियोजनाओं की नई संभावनाएं
स्टेट डेस्क/पटना: बिहार में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 90,734 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों और समझौतों के साथ राज्य ने सतत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस पहल ने राज्य को स्वच्छ ऊर्जा और हरित भविष्य के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में से एक के रूप में स्थापित करने की दिशा में मजबूती प्रदान की है।
नवीकरणीय ऊर्जा में संयुक्त भूमिका
फ्लोटिंग सोलर और पंप स्टोरेज योजनाएं बिहार में स्वच्छ ऊर्जा के नए युग की शुरुआत करेंगी। इन परियोजनाओं से हजारों रोजगार सृजित होंगे एवं राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी। इसके साथ ही कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जो पर्यावरणीय संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, “बिहार के जल स्रोतों और भौगोलिक स्थिति का उपयोग कर हम नवीकरणीय ऊर्जा में एक नई क्रांति ला सकते हैं। फ्लोटिंग सोलर और पंप स्टोरेज योजनाएं बिहार को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में सहायक होंगी। साथ ही, यह राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित भविष्य की दिशा में ले जाने का एक बड़ा कदम है।”
इस अवसर पर ऊर्जा सचिव सह सीएमडी, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, पंकज कुमार पाल ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को हर संभव सुविधा दी जा रही है। उन्हें आगे भी किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख निवेश
- एनटीपीसी ग्रीन: 10,000 करोड़ रुपये का सोलर प्लांट।
- एनएचपीसी: 5,500 करोड़ रुपये।
- सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन): 10,000 करोड़ रुपये का पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट ।
- अशोका बिल्डकॉन: 9,000 करोड़ रुपये की ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना।
बिहार का हरित भविष्यः यह पहल बिहार को देश के हरित ऊर्जा केंद्र के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ आर्थिक, औद्योगिक और पर्यावरणीय प्रगति को गति प्रदान करेगी। फ्लोटिंग सोलर और पंप स्टोरेज योजनाओं के साथ बिहार ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करने के लिए तैयार है।
बिहार बिजनेस कनेक्ट के अंतर्गत हुए इन समझौतों का सफल कार्यान्वयन राज्य के औद्योगिक और सतत विकास में एक ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा।
जलमग्न क्षेत्रों में फ्लोटिंग सोलर की अपार संभावनाएं
बिहार के पास जलमग्न क्षेत्रों का एक बड़ा भौगोलिक परिदृश्य है, जो फ्लोटिंग सोलर प्लांट परियोजनाओं के लिए आदर्श हैं। इस तकनीक का उपयोग न केवल ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि जल वाष्पीकरण को भी कम करेगा और जल स्रोतों का संरक्षण करेगा।
इन परियोजनाओं के कई लाभ है। भूमि की आवश्यकता को समाप्त होगी, जिससे कृषि भूमि संरक्षित रहेगी। जल स्रोतों का कुशल उपयोग और ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास संभव हो सकेगा। बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, तालाबों, नहरों और जलाशयों को फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
पंप स्टोरेज स्कीम की पहल
बिहार में पंप स्टोरेज स्कीम को लागू करने के लिए शुरुआती सर्वेक्षण पूरे कर लिए गए हैं। दुर्गावती (कैमूर) और नवादा जिले में संभावित स्थानों की पहचान की गई है। ये परियोजनाएं न केवल बिजली उत्पादन को स्थिर बनाएंगी, बल्कि ग्रिड प्रबंधन में भी सहायक होंगी।
•दुर्गावती जलाशय (कैमूर): दुर्गावती जलाशय की संरचना इसे पंप स्टोरेज के लिए उपयुक्त बनाती है।
- नवादाः ऊंचे और निचले जलाशयों के बीच पंप स्टोरेज परियोजनाएं विकसित की जा सकती हैं।