समारोह में प्रस्ताव पारित कर मांग की गयी कि भारत सरकार को आंबेडकर की आत्मकथा को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए।
मुजफ्फरपुर : भारत रत्न बाबा साहब डा भीमराव आंबेडकर 132वीं जयंती के मौके पर सरैया प्रखंड के पोखरैरा दक्षिण टोला में नयारोड चौक पर समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर भारत रत्न बाबा साहब डा भीमराव आंबेडकर पुस्तकालय-सह-प्रतिमा निर्माण स्थल पर शिलान्यास किया गया। जाने-माने चिकित्सक डा निशींद्र किंजल्क और राजद के वरिष्ठ नेता शंकर प्रसाद यादव ने संयुक्त रूप से आधारशिला रखी। पुस्तकालय और प्रतिमा का निर्माण बाबा साहब आंबेडकर स्मृति ट्रस्ट की ओर से किया जायेगा।
समारोह में प्रस्ताव पारित कर मांग की गयी कि भारत सरकार को आंबेडकर की आत्मकथा को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि पूरे भारतीय जन की मुक्ति के लिए संघर्ष करने वाले आंबेडकर को अपने ही देश में लंबे समय तक उपेक्षा और अपमान का शिकार रहना पड़ा. उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने में भी अतिशय देरी की गयी। उनके मरने के 34 साल बाद 1990 में उनको ‘भारत रत्न’ सम्मान मिला! बाबा साहब राष्ट्र निर्माता और विश्व नेता थे।
उन्होंने अपनी प्रतिभा और ज्ञान के बदौलत धूल से शिखर तक की यात्रा की। जिस देश ने उनको पैरों तले रौंदा गया, वह उसी देश के पहले लेबर और लॉ मिनिस्टर बने! संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन रहे। भारत का संविधान और लोकतंत्र आज खतरे में है। समारोह को डा निशींद्र किंजल्क, शंकर प्रसाद यादव, रामजीवन दास , गणेश रंजन, कंचनमाला, प्रेम कुमार गुप्ता, रामनरेश भगत , अर्जुन भगत, सुरेन्द्र पासवान समेत अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। समारोह का संचालन हेमंत कुमार ने किया।