Good News : राज्य के 35 जिले के करीब 900 बालू घाटों से खनन की तैयारी

पटना

Ajeet : महागठबंधन सरकार राज्य में नये बंदोबस्तधारियों से बालू खनन की तैयारी की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के 35 जिले के करीब 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती सहित पर्यावरणीय स्वीकृति की प्रक्रिया भी चल रही है. कोर्ट ने बंदोबस्ती को 25 दिसंबर, 2022 तक पूरा करने और सिया बिहार को तीन महीने के भीतर बालू घाटों को पर्यावरणीय मंजूरी देने की समय सीमा तय की है. तब तक राज्य मे बालू खनन के लिए बिहार राज्य खनन निगम द्वारा पुराने बंदोबस्तधारियों से 25 दिसंबर, 2022 तक खनन की अनुमति दी गयी है. ऐसे में निर्माण कार्यों को जारी रखने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने 25 दिसंबर से नये बंदोबस्तधारियों द्वारा खनन शुरू होने तक सभी कार्य विभागों सहित 10 विभागों को निगम के माध्यम से बालू खरीद कर भंडारण करने की अपील की है.

अब सभी कार्य विभागों ने इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी कार्य विभागों से यह भी कहा है कि यदि कोई विभाग निगम के माध्यम से अपने स्तर पर बालू खनन करना चाहते है तो विभाग इसके लिए भी अनुमति दे सकता है. हालांकि, इसको लेकर विभाग ने सभी कार्य विभागो से इस संबंध मे तुरंत पहल करने की अपील की है. फिलहाल राज्य मे सभी 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया जिला स्तर पर की जा रही है. अधिकतर बालू घाटो की बंदोबस्ती हो चुकी है.

खान एवं भूतत्व विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने सभी 10 विभागाें को पत्र मे लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर, 2022 को अंतरिम आदेश पारित किया था. इसके अनुसार 25 दिसंबर, 2022 तक बिहार राज्य खनन निगम को बालू खनन की अनुमति दी थी. साथ ही बालू घाटो की नीलामी अधिकतम तीन महीने मे कराने का आदेश दिया था. साथ ही सिया बिहार को पर्यावरणीय स्वीकृति शीघ निर्गत करने का निर्दश दिया था. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि नीलामी प्रक्रिया चल रही है, लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृति मे विलंब हो सकता है. इसलिए सभी विभागो को बालू खरीद कर भंडारण की अपील की गयी है.