अशोक “अश्क” सरकार ने भारत में बढ़ते स्पैम कॉल्स और अनचाहे संदेशों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की योजना बनाई है। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टेलिकॉम ऑपरेटरों पर दबाव डालते हुए, उन्हें स्पैम कॉल्स और संदेशों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आदेश दिया था।
हालांकि, लंबे समय से टेलिकॉम कंपनियां इस मामले में प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने में विफल रही है, जिसके बाद TRAI ने अब इन कंपनियों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। TRAI ने जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और BSNL को स्पैम कॉल्स और मैसेज रोकने में नाकामी के लिए जुर्माना लगाया है।
यह जुर्माना टेलिकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रिफरेंस रेगुलेशन के तहत लगाया गया है। TRAI की ओर से यह कदम उन कंपनियों के खिलाफ उठाया गया है, जिन्होंने स्पैम कॉल्स और अनचाहे संदेशों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस मामले में करीब 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
यदि टेलिकॉम कंपनियां जुर्माना अदा करती हैं, तो TRAI को कुल 141 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। फिलहाल इस मामले में जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और BSNL की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यदि टेलिकॉम कंपनियां जुर्माने की रकम अदा नहीं करतीं, तो TRAI दूरसंचार विभाग से इन कंपनियों की बैंक गारंटी को जब्त करने की अपील करेगी।
स्पैम कॉल्स और संदेशों को नियंत्रित करने के लिए TRAI ने TCCCPR को और सख्त बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। TRAI का कहना है कि यह कदम ग्राहकों को राहत देने के लिए उठाया जा रहा है, ताकि उन्हें अनचाहे संदेशों और कॉल्स से छुटकारा मिल सके। सुनवाई के दौरान टेलिकॉम कंपनियों ने एक और मांग की है।
उनका कहना है कि वॉट्सऐप जैसे ओवर-द-टॉप प्लेटफॉर्म, बैंकों, वित्तीय संस्थानों और टेलीमार्केटर्स जैसी संस्थाओं को भी स्पैम संचार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इन कंपनियों का कहना है कि OTT प्लेटफॉर्म भी अब टेलिकॉम कंपनियों की तरह ही कम्युनिकेशन सेवाएं प्रदान करते हैं, और इसलिए उन्हें भी इस मामले में जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
इस नए कदम से यह साफ हो गया है कि सरकार स्पैम कॉल्स और संदेशों के खिलाफ गंभीर है, और अब टेलिकॉम कंपनियों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी सख्त नियमों का लागू होना संभव है।