शराबबंदी लागू करने में विफलता के 9 कारण हाईकोर्ट ने गिनाये
दस माह में 50 मौतों के बाद भी नहीं चेती सरकार
Patna : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दीवाली की रात रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मृत्यु से पूर्ण शराबबंदी लागू करनें में नीतीश सरकार की विफलता फिर उजागर हुई। सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में है, लेकिन सरकार अब भी उन 9 मुख्य कारणों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं, जो हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से गिनाये हैं।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब पीने इस साल के दस महीनों में 50 लोगों की जान चुकी है। रोहतास की ताजा घटना के बाद प्रशासन जहरीली शराब को मौत का कारण मानने से इनकार कर “अज्ञात बीमारी” की कहानी गढ़ रहा है। सुशील मोदी ने कहा कि जहरीली शराब पीने वालों का इलाज करने के लिए सरकार को हाईकोर्ट के निर्देशानुसार मानक चिकित्सा प्रक्रिया ( एसओपी) तुरंत लागू करनी चाहिए।
हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि शराबबंदी लागू करने में विफलता के कारण राज्य में प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन में कई गुना वृद्धि हुई। सबसे ज्यादा चिंताजनक है तस्करी में किशोर बच्चों का इस्तेमाल होना। उन्होंने कहा कि शराबबंदी पुलिस-प्रशासन के लोगों की अवैध आय का बड़ा जरिया बन गई है, इसलिए शराब माफिया और तस्करों पर नहीं, केवल मामूली लोगों पर कार्रवाई होती है।
सुशील मोदी ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर 4 लाख लोग जेलों में डाल दिये गए और उनके मामले निपटाने में अदालतों पर बोझ बढ़ा। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के 16 न्यायाधीश केवल शराबबंदी से जुड़े मामलों में जमानत की याचिका निपटाने में लगे हैं। सुशील मोदी ने कहा कि जहरीली शराब के कारण सोसराय में 5, बांका मे 12, मधेपुरा में 3,औरंगाबाद में 13 और सारण में 17 लोग जान गँवा चुके हैं।