भाजपा से मुक्ति चाहते हैं तो एकजुट हो जाइए! मेरी कोई ख्वाहिश नहीं, जीवनभर आप लोगों की सेवा करूंगा-नीतीश!

पटना

महागठबंधन की महारैली: सात रंगों से सजे पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ खूब जमाया रंग!

Hemant Kumar: पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में सात रंगों से सजे मंच से महागठबंधन के नेताओं ने शनिवार को भाजपा के खिलाफ खूब रंग जमाया! सबने एक सुर में भाजपा को देश की सत्ता से बाहर करने का आह्वान किया! भाजपा को देश‌ के लिए खतरा बताया और कहा, आज देश खतरे में है। संविधान खतरे है। लोकतंत्र खतरे में है। देश को बचाना है, संविधान को बचाना है, लोकतंत्र को बचाना है तो भाजपा को भगाना होगा! महागठबंधन के नेताओं ने अपनी तकरीर भाजपा भगाओ-देश बचाओ के मुद्दे पर केंद्रित रखी। सबने निजी हित को त्यागने और बड़े लक्ष्य पर निशाना साधने की बात की! सीमांचल और कोसी के जिलों से रंगभूमि मैदान पहुंची भीड़ का उत्साह देख कर महागठबंधन के नेताओं के चेहरे खिले-खिले दिख रहे थे।

महागठबंधन की रैली के मुख्य और अंतिम वक्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे। लेकिन सबसे अधिक तालियां तब बजीं जब भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा, गुजरात मॉडल लूट और झूठ का मॉडल है! अपराधी और बलात्कारी भाजपा के नायक हैं! गुजरात मॉडल का जवाब बिहार मॉडल है। नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, ये लोग‌ बापू को भूला देंगे। देश की आजादी को‌ मिटा देंगे। एकजुट होकर आगे बढिए, बीजेपी को खत्म कीजिए। जिन लोगों ने बापू की हत्या की थी ,उनसे देश को बचाइए। आजादी की लड़ाई से इनको मतलब नहीं है। अगर चाहते हैं कि इनसे मुक्ति मिले तो एकजुट हो जाइए। मेरी कोई ख्वाहिश नहीं है! जीवन भर आपलोगों के लिए काम करेंगे! नीतीश ने कांग्रेस को फिर याद दिलाया, आप जल्द निर्णय लीजिए। हम वेट कर रहे हैं। सात पार्टी आज एक साथ है।

हम जब उनको छोड़ कर इधर आ गये तो देशभर के लोगों ने फैसले की सराहना की थी। बिहार अब एकजुट है देश‌को‌ एकजुट करना है। कांग्रेस फैसला ले। नीतीश ने अपने भाषण के दौरान भाजपा और‌ उसके नेताओं की खूब खिल्ली उड़ाई।‌कहा, खाली दू गो नेता हैं। एगो प्रधानमंत्री हैं और एगो गृहमंत्री मंत्री! दोनों ने मिलकर सबकुछ पर कब्जा कर लिया है। अटल – आडवाणी तक को भूला गये। दिशहित में कोई काम नहीं किया। इनके पास कितना अनुभव है? कुछ भी बोलते रहते हैं। बिहार को 1 लाख 25 हजार करोड़ का पैकेज देने की बात की थी 59 हजार करोड़ पर सिमट गये। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया। पूर्णिया में एयरपोर्ट की जमीन के लिए हम लगातार प्रयास करते रहे। और वे आते कुछ भी बोलकर चले गये।

नीतीश ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई और कहा, हम जाति गणना करा रहे हैं। सभी जाति और धर्म के लोगों की स्थिति साफ हो जायेगी। हम सबके लिए काम कर रहे हैं। बिना भेदभाव के ग़रीबी दूर करेंगे।‌ जॉर्ज और शरद यादव की उपेक्षा का सवाल उठाने वाले उपेन्द्र कुशवाहा का नाम लिए बिना कहा,जार्ज साहब के नेतृत्व में ही हमलोग जनता दल से अलग हुए थे। वे हमारे नेता थे। 2009 का चुनाव हारने के बाद हमने उनको राज्यसभा भेजा। बीमारी की वजह से वे निष्क्रिय हो गये। शरद यादव अलग हुए ,यह उनका फैसला था। जब तक साथ रहे हमने पूरा सम्मान दिया। जीतनराम मांझी जी को हमने मुख्यमंत्री बनाया और अब कुछ लोग कह रहे हैं कि हमने उनको ठग लिया। बताइए! कैसी बातें करते हैं लोग। जब ये लोग‌ सत्ता से बाहर होंगे तो सब पता चलेगा। सब पटिया(पार्टी) जो लेता है। कितना देता है। क्या देता है और किसको कहां से लेता है। सबका खुलासा हो जायेगा।