Patna, Hemant Kumar : आर्थिक अपराध ईकाई की जाल में फंसी उच्च शिक्षा विभाग की उपनिदेशक विभा कुमारी अपनी सेवा के प्रारंभिक दौर से ही विवादास्पद रही है। विभा ने भ्रष्ट तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की है। आर्थिक अपराध ईकाई के एडीजीपी नय्यर हसनैन खान ने बताया कि विभा ने स्वयं, पति तथा पुत्र के नाम से रोहिणी, दिल्ली में डी०डी०ए० के तीन प्लॉट, पटना में आवासीय फ्लैट मुजफ्फरपुर एवं ससुराल के गांव, धर्मपुर, वैशाखी में कुल चार आवासीय भू-खण्ड अर्जित किया है। रजिस्ट्री डीड में वास्तविक क्रय राशि से बहुत कम राशि दिखा कर अवैध रुपये से अर्जित धन को छिपाने का प्रयास किया है। यह भी जानकारी मिली है कि विभा ने अपने पति के माध्यम से काफी बड़ी राशि का निवेश शेयर/स्टॉक म्यूचुअल फण्ड, बैंक फिक्सड डिपॉजिट तथा अन्य बीमा कम्पनियों में किया है।
सत्यापन के क्रम में यह भी उजागर हुआ है कि इनके पति अशोक कुमार शर्मा लंबे समय तक विभा पर ही आश्रित रहे । इनकी आय का कोई प्रत्यक्ष स्रोत नहीं हुआ करता था, परन्तु विभा द्वारा अवैध रूप से अर्जित धन के शोधन के लिए पति के नाम पर इनोवा, स्कार्पियो, मारुति स्वीफ्ट डिजायर गाड़ी खरीदी गयी। ये गाडियां इनके पति के माध्यम से ही भाड़ा पर चलवाई जा रही है। विगत 3-4 वर्षों से पति के माध्यम से ‘लक्जरी कैब’ नाम से एक ट्रैवल एजेंसी चलवा रही हैं, जिसका संचालन वसीकुंज, सगुना मोड़, दानापुर, पटना स्थित विभा के फ्लैट से होता है।
यह तथ्य भी उभर कर आया है कि विभा ने अवैध रूप से अर्जित धन से अपने मुंशी अखिलेश कुमार शर्मा जो इनके पति के गोतिया हैं। वह एक अति सामान्य आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं, उनके नाम से एक स्कार्पियो गाड़ी खरीदी गयी है, जिसमें क्रेता का पता वसीकुंज, सगुना मोड़, पटना दिया गया है। सत्यापन के क्रम में यह भी पाया है कि विभा ने अपनी ससुराल धर्मपुर में पति को हिस्से में मिली पैतृक सम्पत्ति तथा पुत्र के नाम से खरीदे गये भू-खण्ड की चाहरदिवारी करा कर उसमें भव्य मकान का निर्माण कराना शुरू कर किया है, जो लगभग तैयार हो चुका है। इस आवासीय परिसर में एक गोशाला का निर्माण और तालाब भी खोदवाया जा रहा है।
सत्यापन के क्रम में पता चला कि सरकारी सेवा में आने के पूर्व विभा एवं इनके पति को पैतृक सम्पत्ति के अतिरिक्त अन्य कोई उल्लेखनीय सम्पत्ति नहीं थी और न ही विभा को सरकारी वेतन के अतिरिक्त आय का अन्य साधन है। आर्थिक अपराध ईकाई के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस उपाधीक्षकों/पुलिस निरीक्षकों के नेतृत्व में गठित विशेष टीमों ने शनिवार को विभा के निम्नांकित ठिकानों की तलाशी ली…!
- विभा कुमारी, पति अशोक कुमार शर्मा का फ्लैट नंबर-301, ब्लॉक-ए, वसीकुज कॉम्प्लेक्स, सगुना मोड़ के निकट, थाना-दानापुर, जिला-पटना।
- विभा कुमारी, पति अशोक कुमार शर्मा की ससुराल, ग्राम- धर्मपुर, पो० + थाना- वैशाली, जिला-वैशाली
- विभा कुमारी, उप-निदेशक, उच्च शिक्षा, बिहार, पटना का विकास भवन, बेली रोड, थाना सचिवालय, जिला-पटना स्थित सरकारी कार्यालय कक्ष ।
उन्होंने बताया कि तलाशी एवं छापामारी में विभा कुमारी के ठिकानों से विभा, इनके पति एवं पुत्र से संबंधित निम्नांकित कागजात एवं दस्तावेज मिले हैं :
- भारतीय स्टेट बैंक में संधारित कुल 18 बैंक खाता एवं 18,80,750/- रुपये का फिक्स डिपाजिट के कागजात
- आई०सी०आई०सी०आई० बैंक में 14 बचत एवं फिक्सड डिपाजिट खाता, जिसमें करीब 11 लाख
रुपये जमा पाया गये - सेंट्रल बैंक में 02 खाता,
- इण्डियन बैंक में 01 खाता
- पटना केनरा बैंक में 01 खाता तथा दिल्ली कैनरा बैंक में 01 खाता
- उत्कर्ष स्मॉल फाइनांस बैंक में 04 बचत खाता एवं लगभग 20 लाख रुपये का फिक्सड डिपाजिट
के कागजात - भूमि निबंधन से संबंधित कागजात- दिल्ली में 03 प्लॉट, मुशहरी (मुजफ्फरपुर) में 03 प्लॉट, फ्लैट नंबर-301 ब्लॉक-ए. वसीकुंज कम्प्लेक्स, सगुना मोड़ के निकट, थाना-दानापुर, जिला-पटना का निबंधन दस्तावेज एवं ग्राम- धर्मपुर (ससुराल) पो०+थाना- वैशाली जिला – वैशाली में लगभग 1.5 बीघा में चाहरदिवारी के अंदर बना भव्य एवं आलीशान मकान एवं निर्माणाधीन गौशाला, मछली पालने के लिए निर्माणाधीन शेड के भीतर तालाब, जिसकी अनुमानित लागत करोड़ों में बतायी जाती है।
- 1.39 लाख रुपये नगद।
प्राथमिकी के अनुसार परिसम्पत्तियों एवं अन्य व्यय के आधार पर इनकी आय से अधिक सम्पत्ति 1.88,23,900 रुपये पायी गयी, जो आय के ज्ञात/वैध स्रोत से लगभग 52.03% अधिक है। तलाशी एवं छापामारी में मिले दस्तावेजों से इनकी आय से अधिक अर्जित परिसम्पत्तियों के मूल्य में कई गुणा एवं अप्रत्याशित वृद्धि होने की संभावना है। इससे प्रतीत होता है कि अपनी सेवावधि में इन्होंने अपने पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर ज्ञात / वैध आय के स्रोत से काफी अधिक धनार्जन किया है। यह भी सूचना मिली है कि इनके द्वारा गैर कानूनी तरीके से राज्य के बाहर कई स्थानों पर अकूत परिसम्पत्तिया अर्जित की गयी हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है।
विभा कुमारी 37वीं प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण कर मार्च, 1993 में बिहार शिक्षा सेवा में एक लोकसेवक के रूप में योगदान दी थी। सेवावधि के प्रारंभिक अवधि से ही विभा का लोक सेवक के रूप में आचरण और कार्य संदिग्ध और विवादास्पद रहा है। इन पर अनेक आरोप लगते रहे हैं।